बिहार में प्रतिबंध के बावजू बालू का अवैध तरीके से खनन व ढुलाई कई जगहों पर जारी है. बालू माफिया सूबे के कई जिलों में सक्रिय हैं. बालू के इस काले कारोबार को लेकर अपराधिक घटनाएं भी सामने आती रही हैं. बालू घाट पर बर्चस्व को लेकर होने वाला संग्राह हो या बालू के काले खेल में पुलिसकर्मियों पर हमला, आरा जैसे शहरों में इन वारदातों को अंजाम दिया जाता रहा है. वहीं दिल्ली के समीप आनंद विहार बस अड्डे पर भारी मात्रा में कारतूस पकड़ा गया. जिसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है कि हथियार माफिया दिल्ली से बस के जरिये हथियारों को बिहार भेजते थे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिनों पुलिस ने आनंद विहार बस अड्डे के पास से भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया गया. पुलिस ने दो दिनों पहले इस कारोबार के सरगना शुभम सिंह को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से दबोचा. जांच के बाद पुलिस के सामने बड़े और चौंकाने वाले खुलासे हुए.
पुलिस ने जब कड़ाई के साथ पूछताछ शुरू किया तो पता चला कि इस पूरे खेल के पीछे माफियाओं की गैंग सक्रिय है. गिरोह के सदस्य उत्तराखंड से कारतूस और राइफल लेकर इसे दिल्ली के रास्ते लेकर आते और बिहार के बारा में बालू माफियाओं तक सप्लाइ कर रहे थे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरगना शुभम ने जांच के दौरान बताया कि वो हाल में ही माफियाओं को आधा दर्जन राइफल दे चुका है. पुलिस की टीम अब इन माफियाओं की तलाश तेज कर चुकी है. आरोपित उत्तराखंड में हथियारों का इंतजाम करता था. उसके बाद बैग में छिपाकर उसे गैंग के सदस्य दिल्ली पहुंचाते थे. आनंद विहार से लखनऊ, लखनऊ से जौनपुर या सुल्तानपुर शुभम सिंह के पास जाता था. शुभम सिंह इसे लेकर बिहार के आरा में माफियाओं को सप्लाइ करता था.
पुलिस ने अबतक इस खेल में लिप्त 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एक देहादून के गन हाउस का मालिक भी है. बता दें कि बिहार के भोजपुर इलाके के सोन नदी में रेत खनन का काला खेल धड़ल्ले से चल रहा है. बालू खनन को लेकर माफियाओं के बीच बर्चस्व की गोलीबारी यहां आम है. बड़ी संख्या में इन क्षेत्रों में बंदूक और कारतूस की जरुरत होती है.
Published By: Thakur Shaktilochan