Bihar News: बिहार में 28 जुलाई तक आंशिक बारिश का दौर जारी रहेगा. राज्य में 28 जुलाई तक समुचित बारिश नहीं होने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. लिहाजा, ऐसे मौसम में किसानों को चाहिए कि खेत में खड़ी फसल को बचाने के लिए सिंचाई के लिए पानी का उचित प्रबंध करें. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने इस आशय की चेतावनी बिहार के किसानों को जारी की है. दरअसल, इसी मौसम में खरीफ की मुख्य फसल धान के कल्ला निकलते हैं. इस दौरान उसे सिंचाई की जरूरत पड़ती है. अगर इस दौरान समुचित सिंचाई नहीं की गयी तो फसल के बेहद कमजोर हो जाने का खतरा खड़ा हो जाता है. आइएमडी पटना की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार के संदर्भ में मॉनसून की द्रोणी रेखा अभी सामान्य स्थिति से दक्षिण में है. इसकी वजह से मानसून अभी कमजोर है.
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार ने बताया है कि आगामी कुछ दिन द्रोणी रेखा के वैसे ही बने रहने का पूर्वानुमान है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार में अभी तक सामान्य से 44 फीसदी कम 241 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. यह कुल सामान्य बारिश की एक-चौथाई भी नहीं है. बिहार में अभी 35 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश है. केवल तीन जिलों में बारिश सामान्य है. फिलहाल, मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बिहार के किसानों के सामने सूखे का संकट दहलीज पर है. किसान बेहद परेशान है. फिलहाल, अगले दो दिन बिहार में केवल छिटपुट बारिश का दौर जारी रह सकता है. वहीं, कई इलाकों में ठनका को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.
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बता दें कि राज्य के अधिकतर जिलों में किसानों को बारिश की कमी की वजह से सिंचाई में परेशानी हो रही है. वहीं, सावन के महीने में लोगों को उमस भरी गर्मी ने परेशान कर दिया है. फिलहाल, वर्षा की गतिविधियों में बढ़ोतरी की मौसम विभाग ने आशंका नहीं जताई है. 28 जुलाई के बाद ही बारिश होने की आशंका जताई गई है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार ट्रफ लाइन इंदौर, दमोह, गोपालपुर होकर पूर्व, दक्षिण-दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी से गुजर रहा है. आने वाले दिनों में इसके ऐसे ही बने रहने की संभावना जताई गई है.
मानसून जल्द ही पूरे राज्य में एक बार फिर सक्रिय होगा. बारिश संबंधी गतिविधियों में बढ़ोतरी के आसार है. हालांकि, इससे पहले वज्रपात, बिजली चमकने, हल्की बारिश और बादल गरजने का दौर जारी रहेगा. मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में वज्रपात की आशंका जताई है. मौसम की स्थिति बिगड़ने पर लोगों को किसी भी सुरक्षित स्थान पर शरण लेने का आग्रह किया गया है. सुरक्षित स्थान पर जाने से लोग अपना बचाव कर सकते हैं. बिजली के खंभों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. थोड़ी सी सावधानी बरतकर ऐसी स्थिती में अपनी जान बचाई जा सकती है. मौसम के खराब होने पर किसानों को कभी भी अपने खेतों में नहीं जाना चाहिए. खेतों में काम करने से वह ठनका की चपेट में आ सकते हैं. उन्हें मौसम में सुधार होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए.
मालूम हो कि ठनका के प्रभाव से इंसान का शरीर बुरी तरीके जल जाता है. खेतों में काम कर रहे किसानों, बारिश से बचने के लिए पेड़ का सहारे लेने वाले लोगों, तालाब या नदी में बारिश के दौरान स्नान करने वालों लोगों इत्यादि पर ठनका के गिरने का खतरा सबसे अधिक होता है. बिजली के चमकने या आवाज करने पर वहां से हट जाना ही जान बचाने का उपाय होता है. मौसम विभाग ने खराब मौसम में किसानों से खेतों में नहीं जाने के लिए कहा है. वृक्ष बिजली को आकर्षित करता है. इस दौरान सबसे बढ़िया होता है कि किसी मकान में शरण लें. लोगों को समूह में खड़ा होने के बजाए अलग-अलग खड़ा होना चाहिए. सफर के दौरान वाहन में ही रहना चाहिए. खुली गाड़ी में सफर करना ऐसी स्थिति में सही नहीं होता है.
जानकारी के अनुसार इस साल अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई है. पिछले पांच सालों में मानसून के शुरूआती दौर में सामान्य से कम बारिश होना पहली बार है. वहीं, फिलहाल अच्छी बारिश के आसार नहीं है. जुलाई के महीने में 156.3 मिमी बारिश हुई है. वहीं, 268 मिमी बारिश होनी चाहिए थी. लेकिन, 28 जुलाई के बाद अच्छी बारिश के आसार है.