राजगीर. कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच पटना के महावीर मंदिर, राजगीर के सुप्रसिद्ध गर्म जल के झरने और कुंड एक बार फिर गुरुवार की सुबह छह जनवरी से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. सरकार के निर्णय के अनुसार आगामी 21 जनवरी तक गर्म जल के झरनों और कुंडों में स्नान करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस दौरान केवल लक्ष्मी नारायण मंदिर सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा की जायेगी. साफ सफाई की व्यवस्था पूर्ववत चलती रहेगी.
इसके साथ ही राजगीर के सभी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि के प्रवेश द्वार भी लॉक कर दिए गए हैं. राजगीर के सुप्रसिद्ध नेचर सफारी, वेणुवन, पांडू पोखर पार्क, जयप्रकाश उद्यान, रोपवे, घोड़ाकटोरा झील, घोड़ाकटोरा इको पार्क, नौलखा मंदिर, लाल मंदिर, लोटस टेम्पल, गोल्डन टेम्पल, बर्मा बौद्ध मंदिर, वीरायतन म्यूजियम, मखदूम कुंड, गुरु नानक शीतल कुंड, जरादेवी मंदिर, बड़ी संगत ठाकुरवाड़ी, अभिनव बैद्यनाथ महादेव मंदिर, देवी स्थान, गढ़ महादेव मंदिर, गुप्ती महारानी मंदिर एवं अन्य पार्क और धार्मिक स्थलों को 21 जनवरी तक बंद कर दिया गया है.
गुरुवार की सुबह राजगीर थाना अध्यक्ष दीपक कुमार द्वारा सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सभी धार्मिक स्थलों, मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारा एवं पार्कों आदि में ताला लगवाया गया है. इसके अलावे राजगीर और नालंदा के सभी आर्केलॉजिकल साइट प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, पुरातत्व संग्रहालय, ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल, सोन भंडार, मनियार मठ आदि भी बंद कर दिया गया है.
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पर्यटन व्यवसाय से यहां के हजारों परिवार जुड़ा है. पर्यटन स्थलों के बंद होने से यहां के होटल, रेस्टोरेंट, टमटम, ई-रिक्शा, लग्जरी गाड़ियां, माला पत्थर की दुकान, किराना दुकान, फेरी दुकानदार, फोटोग्राफर्स की दुकान आदि प्रभावित हो गया है. इस बंदी से सबसे अधिक आर्थिक नुकसान बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम और पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग को हुआ है.