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बिहार में 24000 क्विंटल चावल घोटाले का खुलासा, 25 पैक्स अध्यक्षों की गिरफ्तारी का आदेश, जानें पूरी बात

पांच साल की जांच प्रक्रिया के बाद अब जिले के 25 पैक्स अध्यक्ष भी इस चावल घोटाले में संलिप्त पाए गये हैं. अब जिला प्रशासन ने संबंधित थानों को आरोपित पैक्स अध्यक्षों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. जिन पैक्स अध्यक्षों की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी, उनके घरों में कुर्की-जब्ती की जायेगी.

नालंदा जिले में वर्ष 2017 में की गयी धान खरीद और सीएमआर जमा कराने में हुए घोटाले का जांच के बाद खुलासा हो गया है. इसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आये हैं. जिन वाहनों से चावल ढोये गये हैं, जांच में ज्यादातर नंबर स्कूटर और मोटरसाइकिलों के निकले. वर्ष 2016-17 में धान खरीद के लगभग 24033 क्विंटल चावल का विभागीय अधिकारियों, पैक्स अध्यक्षों तथा मिलरों की मिलीभगत से गबन कर लिया गया. अब मामले की जांच पूरी होने के बाद जिले के 25 पैक्स अध्यक्षों पर चावल गबन का आरोप तय हो गया है तथा जिला प्रशासन ने इन सभी पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.

25 पैक्स अध्यक्षों की गिरफ्तारी का आदेश

खरीफ विपणन मौसम 2016-17 में जिले में लक्ष्य के अनुरूप धान की खरीद जिले की पैक्सों व व्यापार मंडलों ने किया था. खरीदे गये धान की मात्रा के अनुरूप चावल जमा कराना था, जबकि राज्य भंडार निगम के गोदामों में लगभग 24033 क्विंटल चावल कम पाया गया था. तत्कालीन राज्य खाद्य निगम के प्रबंधक रामबाबू ने राज्य भंडार निगम के तत्कालीन अधीक्षक रंजीत कुमार, कार्यपालक सहायक अभय कुमार तथा मिलर दिनेश कुमार के साथ अज्ञात पैक्स अध्यक्षों पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी, लेकिन राज्य खाद्य निगम को चावल प्राप्त नहीं हो सका था. तत्कालीन डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने मामले की जांच का निर्देश दिया था. शुरू से ही इसमें अधिकारियों के साथ मिलरों तथा पैक्स अध्यक्षों की मिलीभगत नजर आ रही थी. लगभग पांच साल की जांच प्रक्रिया के बाद अब जिले के 25 पैक्स अध्यक्ष भी इस चावल घोटाले में संलिप्त पाए गये हैं. अब जिला प्रशासन ने संबंधित थानों को आरोपित पैक्स अध्यक्षों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. जिन पैक्स अध्यक्षों की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी, उनके घरों में कुर्की-जब्ती की जायेगी.

बाइक तथा यात्री वाहनों से पहुंचाये गये चावल

जांच में सामने आया है की पैक्स अध्यक्षों ने चावल जमा करने में जिन वाहनों की रसीद जमा की है, उनमें से अधिकांश रसीद फर्जी हैं. रसीद में वाहनों के दिये गये नंबर बाइक और यात्री वाहनों के हैं. अन्य बिंदुओं पर भी मिलरों तथा पैक्स अध्यक्षों पर गड़बड़ी करने का आरोप सिद्ध हुआ है.

इन पैक्स अध्यक्षों को बनाया गया आरोपित

अजयपुर पैक्स की अध्यक्ष निर्मला देवी, बडारा के अरुण कुमार, पपरनौसा के हरेंद्र प्रसाद सिंह, इमामगंज के पिंकू यादव, पतासंग के रामजी प्रसाद, मय फरीदा के शशिराज कुमार, डुमरामा के अशोक कुमार, राना बिगहा के रणवीर कुमार सिन्हा, पावा के कामेश्वर प्रसाद शर्मा, परोहा के अनिल प्रसाद, मुरौरा के सतीश कुमार, चौरिया के रंजन कुमार, पचौड़ा के रंजीत प्रसाद, लोहरा के विजयकृष्ण सिंह, गोनावा के अमरेश उपाध्याय, चेरण के राम प्रसाद सिंह, करियना के बलिराम सिंह, बराकर के श्रवण सिंह, घोस्तावा के श्याम किशोर शर्मा, कतरी के उदय कुमार सिंह, दरवेशपुरा के शशिकांत सिंह, कचहरिया के उदय कुमार सिंह, मालती के भोला प्रसाद, नाहुब के श्याम देव प्रसाद और बिंद पैक्स के अध्यक्ष विपिन कुमार आरोपित बनाये गये हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

बिहारशरीफ के सदर एसडीपीओ डॉ शिब्ली नोमानि ने बताया कि 16768 क्विंटल चावल के गबन के मामले में तत्कालीन डीएम के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसके बाद पुलिस की जांच में पाया गया कि चावल को बाइक और स्कूटर से ढोकर पैक्स तक पहुंचाया गया. इस मामले में 25 पैक्स अध्यक्षों पर की गयी प्राथमिकी की जांच में सत्यता पायी गयी. सभी आरोपितों की गिरफ्तारी का आदेश संबंधित थानाध्यक्षों को दिया गया है.

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