Jharkhand News : बोकारो के सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र की एसडीओसीएम परियोजना अंतर्गत नयी अंबाकोचा माइंस खोलने को लेकर प्रबंधकीय कवायद तेज कर दी गयी है. माइंस में आने वाली रैयती जमीन के सत्यापन को लेकर गुरुवार को रैयतों और ग्रामीणों की बैठक रखी गयी है. इसमें ढोरी क्षेत्रीय प्रबंधन के अधिकारियों के अलावा रैयतों की ओर से सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो भी रहेंगे.
प्रबंधकीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बंद पिछरी माइंस के अलावा नयी अंबोकाचा माइंस को चालू करने को लेकर सीसीएल मुख्यालय के निर्देश पर स्थानीय प्रबंधन गंभीरता से पहल कर रहा है. अंबाकोचा क्षेत्र में 150 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है. इस जमीन का सेक्शन-9 हो गया है, यानि बजट नोटिफिकेशन हो गया है. 150 हेक्टेयर में 12 हेक्टेयर (120 एकड़) जमीन रैयती है. इस 12 हेक्टेयर रैयती जमीन के नीचे लगभग 35 लाख टन कोयला तथा 12-13 लाख घन मीटर टन ओबी है. स्थानीय प्रबंधन का कहना है कि इस 12 हेक्टेयर रैयती जमीन से संबंधित रैयत जमीन का कागजात उपलब्ध कराएं. जमीन का सत्यापन करा कर नौकरी व मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. जमीन सत्यापन को लेकर ढोरी एरिया के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल ने बोकारो उपायुक्त से बात की थी.
10 दिन पहले उपायुक्त के निर्देश पर तेनुघाट अनुमंडल कार्यालय में बोकारो एसइ की उपस्थिति में बैठक कर सीओ को निर्देश दिया गया है कि रैयतों से बात कर गांव में ही कैंप लगा कर जमीन सत्यापन का कार्य जल्द से जल्द पूरा करें. जमीन सत्यापन के बाद कोल इंडिया की आरआर पॉलिसी के तहत दो एकड़ जमीन पर एक नौकरी दी जायेगी. जिनकी जमीन दो एकड़ से कम होगी उन्हें प्रति एकड़ नौ लाख रुपया के हिसाब से मुआवजा दिया जायेगा. दो एकड़ जमीन होने के बाद भी नौकरी नहीं लेने वालों को प्रति एकड़ नौ लाख रुपया का चार गुना यानी 36 लाख रुपया मुआवजा मिलेगा. इसके अलावा कोल इंडिया की नयी एम्यूनिटी स्कीम के तहत प्रति एकड़ जमीन के लिए 30 साल तक प्रति माह 30 हजार रुपया देने का प्रावधान है.
ढोरी क्षेत्रीय प्रबंधन के अनुसार कल्याणी परियोजना के विस्तारीकरण को लेकर एक अलग प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायी गयी है. इसमें तारमी, कल्याणी व तिसरी प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार विस्तारीकरण से 35 मिलियन टन कोयला मिलेगा और हर साल लगभग 20 लाख टन कोयला उत्पादन की कार्य योजना है. इसे प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार इसमें 700 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है. इसके अलावा एक दूसरा अंबोकाचा के नाम से ही 7.45 हेक्टेयर फोरेस्ट लैंड है, जिसका स्टेज-वन हो गया है. यहां भी 35 लाख टन कोयला तथा 10 लाख घन मीटर ओबी है.
सीसीएल ढोरी एरिया के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल ने कहा कि अंबाकोचा माइंस के खुलने से कई रैयतों को नौकरी व मुआवजा मिलेगा. हजारों लोग रोजगार से भी जुड़ेंगे. कोयला उत्पादन शुरू होगा तो कोयला का लोकल सेल भी चलेगा. बंद पिछरी माइंस को खोलने के लिए प्रबंधन गंभीर है. आने वाले समय में ढोरी एरिया में कई माइंसों का विस्तारीकरण होगा.
रिपोर्ट: राकेश वर्मा, बेरमो, बोकारो