Jharkhand News: भाजपा विधायक दल के नेता व पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को बोकारो जिले के फुसरो में कहा कि वर्तमान में भाषा विवाद और स्थानीय नीति को लेकर चल रहा आंदोलन सरकार द्वारा प्रायोजित है. आंदोलन को लीड करने वाले लोगों का संबंध प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सरकार से है. भाजपा सरकार के समय कोई नयी नीति नहीं लायी गयी थी. बिहार में 1982 से चली आ रही नीति को उनकी पार्टी की सरकार लायी थी. गिरिडीह के पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय के फुसरो स्थित कार्यालय में श्री मरांडी ने कहा कि सरकार बने 26 महीने हो गये, लेकिन चुनाव के पहले का एक भी वादा पूरा नहीं हुआ. सवालों के डर से जानबूझ कर भाषा व स्थानीय नीति का मामला खड़ा कराया गया.
कोरोना काल में केंद्र सरकार ने राज्य को जितना चाहा, उतना पैसा दिया, लेकिन सरकार उन पैसों को खर्च नहीं कर पायी और गरीबों के लिए आए अनाज भी ठीक से नहीं दिया गया. पांच माह से सरकार पेंशन भी गरीबों को नहीं दे पा रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सरकार से कहा था जितना योजना बनाकर भेजना है भेजें, राशि की कोई कमी नही होने देंगे, लेकिन सरकार कोई भी योजना नहीं भेज पायी है. राज्य की हेमंत सरकार के संरक्षण में कोयला, लोहा, बालू, पत्थर की चोरी पूरे राज्य में हो रही है. यह लूट खुलेआम हो रही है और सभी प्रकार की एजेंसी मिले हैं. पुलिस कोयला, लोहा, बालू, पत्थर को पार करवा रही है.
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बीजेपी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय के आवास पर पत्रकारों से कहा कि भाजपा सभी भाषाओं का आदर व सम्मान करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को आत्मसात करती है. भाषा नीति बनाने का काम राज्य का है, इसलिए सरकार भाषा नीति अविलंब बनाने का काम करें. सरकार ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू नहीं किया है. राज्य सरकार ने भाषा विवाद बढ़ाकर आपस में तनाव पैदा किया है और सामाजिक समरसता को तोड़ना चाहती है. खतियान आधारित 1932 स्थानीय नीति व नियोजन नीति आदि समाज में समरसता तोड़ने का विषय है.
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रिपोर्ट: राकेश वर्मा