Jharkhand News : बोकारो व्यावसायिक प्लॉट होल्डर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र विश्वकर्मा ने झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले की प्रति लगाते हुए प्रधानमंत्री, इस्पात मंत्री, सेल चेयरमैन, बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज, सीजीएम-नगर सेवाए, डीसी बोकारो, एसडीओ, सांसद व विधायक को पत्र लिख कर न्याय के फैसले को लागू कराने की अपील की है. राजेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि सेल एक सरकारी उपक्रम है. इनसे न्याय की उम्मीद की जाती है. न्यायालय ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है. इसलिए इस विवाद को और आगे बढ़ाने से बोकारो के प्लॉट होल्डर्स को पलायन की स्थिति का सामना करना पड़ेगा. सेल एक कारपोरेट की तरह लीज नवीकरण के सवाल को और अधिक लंबा खींचना चाहती है, ताकि प्लॉट होल्डर्स से जबरन लीज का पैसा वसूला जा सके.
भय दिखा जमा करा लिये करोड़ों रुपये
श्री विश्वकर्मा ने कहा कि बोकारो के लीज होल्ड प्लॉट होल्डर्स के कई दशकों से ज्यादा समय से चली आ रही लीज नवीकरण पर स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया की मांग को रांची उच्च न्यायलय ने न केवल खारिज कर दिया है, बल्कि यह निर्देश भी दिया है कि बोकारो स्टील प्लांट अपने भूखंड का मूल्यांकल फ्री होल्ड जमीन की तरह नहीं कर सकती है. बोकारो के लीज होल्ड प्लॉट होल्डर्स बोकारो स्टील प्लांट के स्थापना काल से अपनी सेवा दे रहे हैं. इनका प्लॉट नीचे दुकान और ऊपर मकान के लिए आवंटित है.
बोकारो व्यावसायिक प्लॉट होल्डर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि एक सीमित अवधि के लिए सीमित अधिकार, निर्धारित व्यवसाय और निर्धारित वार्षिक रेंट पर आवंटित है. इससे लीज नवीकरण के लिए करोड़ों की मांग को जायज नहीं ठहराया जा सकता है. उच्च न्यायलय ने बोकारो स्टील प्लांट के 24 प्रतिशत वार्षिक सूद को भी खारिज करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक का हवाला देते हुए इसे विधि के दायरे में लाने की बात कह दी है. बीएसएल ने इसी का भय दिखा कर प्लॉट होल्डर्स से करोड़ों रुपये लीज में जमा करा लिए हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra