Jharkhand News : 26 सितंबर को कलश स्थापना के साथ दुर्गा पूजा शुरू होगी यानी दुर्गा पूजा में अब एक माह से भी कम समय बचा है. कर्मचारियों को हर साल दुर्गा पूजा से पहले बोनस (एक्सग्रेशिया) मिलता है, पर बोनस को लेकर अभी तक एनजेसीएस बैठक की तिथि तय नहीं हुई है. प्रबंधन की ओर से भी कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही. इधर, बोनस की राशि की लेकर जोड़-घटाव करने में बीएसएल में 10,000 सहित सेल के 50500 कर्मी रेस हैं. सोशल मीडिया पर सेल के कर पूर्व लाभ व एबिटा को आधार बना कर कर्मी बोनस का हिसाब-किताब बैठा रहे हैं.
मुनाफा बढ़ा तो बोनस क्यों नहीं
कर्मियों का कहना है कि कंपनी के शानदार प्रदर्शन में आम कर्मचारियों का योगदान है. इसलिए बोनस/एक्सग्रेशिया/पीआरपी पर अधिकतम हक कर्मचारियों का है. वर्ष 2020-21 में जहां 55000 कर्मचारियों को मात्र 100 करोड़ रु का बोनस भुगतान हुआ, वहीं अधिकारियों को लगभग 350 करोड़ रु का भुगतान हुआ था. इसी तरह यह अंतर वर्ष 2021-22 में बढ़कर आठ गुना हो चुका है. अब कर्मचारी भी कंपनी में अपने योगदान के अनुरूप प्रोफिट में हिस्सेदारी मांग रहे हैं. पिछले वर्ष कर्मियों को 21,000 रुपये बोनस का भुगतान किया गया था.
बोनस की जगह सेल परफार्मेंस इंसेंटिव
वर्ष 2011 से सेल में कर्मचारियों को सालाना बोनस की जगह सेल परफार्मेंस इंसेंटिव स्कीम के तहत भुगतान किया जा रहा है. यह चालू वित्त वर्ष में कंपनी के परफार्मेंस के अनुमानित आधार पर तय होता है. करीब एक दशक बाद पिछले वर्ष पीआरपी और बोनस में बढ़ते अंतर को देखते हुए कर्मी आवाज उठा रहे हैं. पिछली बार बोनस के लिए हुई बैठक में तय हुआ था कि अगला बोनस नए फार्मूले से मिलेगा, पर अभी तक एनजेसीएस की किसी भी बैठक में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. इसको लेकर कर्मियों में आक्रोश है.
2011 के फॉर्मूला में बदलाव की मांग
कर्मचारियों का कहना है कि सेल प्रबंधन ने 2021-22 में बोनस के रूप में 21 हजार रु दिया था, तब सेल का लाभ 3,850 करोड़ के आसपास हुआ था. अभी सेल को 12015 करोड़ का लाभ हुआ है. इस आधार पर ही इस साल बोनस की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि प्रबंधन इससे पूर्व नये पे-स्ट्रक्चर के आधार पर नया फार्मूला तैयार करे. कोविड-19 के संक्रमण के बाद सेल कर्मियों द्वारा कठिन परिस्थिति व मेहनत के कारण सेल को अधिकतम लाभ हुआ. पिछले वर्ष जो बोनस मिला था, वह 2011 के फार्मूला के आधार पर था. इसमें बदलाव जरूरी है.
एक्ट में बदलाव हुआ तो बोनस 50 हजार से अधिक : साधु शरण
बोनस को लेकर यूनियनें सक्रिय हो गयी हैं. एनजेसीएस (नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील) की बैठक जल्द होने की संभावना है. एनजेसीएस में शामिल यूनियनों ने भी चार्टर आफ डिमांड की तैयारी शुरू कर दी है. नये फॉर्मूला के तहत भुगतान का दबाव बनाना शुरू हो गया है. जनता मजदूर सभा के महामंत्री साधु शरण गोप ने कहा कि सेल-बीएसएल में कम बोनस मिलने का कारण बोनस का फॉर्मूला नहीं होना है. प्रबंधन के पास कर्मियों के हित के विषय पर काम करने की गंभीरता नहीं रही. कंपनी संविधान से नहीं, मन की बात से चल रही है. जब कर्मियों का वेतन सैकड़ा में होता था तो 1965 में बोनस एक्ट बना था. आज उनका वेतन लाख में है तो वह बोनस एक्ट प्रभावी नहीं रहा. बोनस एक्ट में वर्त्तमान वेतन के आलोक में संशोधन करने की जरूरत है. ऐसा होता है तो मजदूरों को पचास हजार से अधिक बोनस मिल सकता है.
सेल के कर पूर्व लाभ बोनस तो… (राशि करोड़ों रुपये में)
प्रतिशत®® कुल बोनस®® प्रति कर्मी बोनस
5% ®®801.95 ®®®1,58,801
4%®®641.56 ®®®1,27,041
3% ®®481.17®®®95,281
2%®®320.78®®®63,520
1%®®160.39®®®31,760
एबिटा के आधार पर बोनस तो…
प्रतिशत®® कुल बोनस® प्रति कर्मी बोनस
5%®® 1118 ®®2,21,425
4% ®®894.56®®1,77,410
3% ®®670.92®®1,32,855
2% ®®447.28®®88,570
1% ®®223.64®®44,285
सेल में भुगतान पीआरपी व बोनस
वर्ष ®®लाभ ®®पीआरपी ®बोनस
21-22 ®16392® 819 ®113
20-21 ®6821 ®341 ®102
BSL में कब कितना बोनस
वर्ष ®®® बोनस (रुपये में)
2008®®®16,000
2009 ®®®15,680
2010 ®®®18,040
2011®®®18,040
2012 ®®®18,040
2013 ®®®18,040
2014 ®®®18,040
2015 ®®®9,000
2016 ®®®10,000
2017 ®®®11,000
2018 ®®®13,000
2019 ®®®15,500
2020 ®®®16,500
2021 ®®®21,000
रिपोर्ट: सुनील तिवारी, बोकारो