Jharkhand News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में गुरुवार को युद्धपोत ‘विंध्यागिरि’ को देश को समर्पित किया. इस युद्धपोत के निर्माण में बोकारो स्टील प्लांट का 2000 टन स्पेशल स्टील हॉट रोल्ड क्वाइल लगा है. सेल ने इस स्वदेशी युद्धपोत के निर्माण के लिए 4000 टन स्पेशल स्टील की आपूर्ति की थी, जिसमें 50 फीसदी (2000 टन) स्टील की बीएसएल ने दिया है. इसकी जानकारी बोकारो स्टील प्लांट के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने गुरुवार को दी.
नौसेना की ताकत होगी मजबूत
बता दें कि विंध्यागिरी भारत के प्रोजेक्ट 17ए का छठा जहाज है. यह नौसेना की ताकत को और मजबूत करेगा. यह खास जंगी जहाज अपने क्लास का तीसरा वार शिप है. इसे कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने तैयार किया है. इसका नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर है.
बीएसएल से डीएमआर 249 ए ग्रेड की एचआर शीट्स व प्लेट्स की आपूर्ति
संचार प्रमुख श्री धान ने बताया कि बीएसएल सहित सेल की ओर से विंध्यागिरी युद्धपोत के लिए आपूर्ति किये गये स्टील में डीएमआर 249 ए ग्रेड की एचआर शीट्स और प्लेट्स शामिल हैं. इस महत्वाकांक्षी परियोजना में बीएसएल-सेल की भागीदारी भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी विकास और इनोवेशन को बढ़ावा देने की दिशा में कंपनी के दृढ़ समर्पण का उदाहरण है.
बीएसएल-सेल ने देश की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया
सेल ने भारत के छठे स्वदेशी युद्धपोत विंध्यागिरी के लिए जरूरी 4000 टन विशेष स्टील की आपूर्ति करके देश की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है. यह युद्धपोत भारतीय नौसेना द्वारा शुरू की गयी परियोजना पी17ए का हिस्सा है. इसके निर्माण में बीएसएल के स्पेशल स्टील का उपयोग होने से बीएसएल की टीम उत्साहित है. उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए बीएसएल ने इसके पहले भी स्टील की आपूर्ति की है.
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भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ा रहा है बीएसएल का फौलादी स्टील
बोकारो स्टील प्लांट में निर्मित स्टील का उपयोग नौसेना की शक्तियां बढ़ाने में हो रहा है. बीएसएल-सेल ने आइएनएस विक्रांत, आइएनएस कमोर्टा सहित विभिन्न रक्षा परियोजनाओं के लिए भी विशेष गुणवत्ता वाले स्टील की आपूर्ति की है. स्वदेश निर्मित भारतीय नौसेना के उदयगिरी व सूरत के लिए भी स्टील की आपूर्ति की गयी. उदयगिरि के लिए 2000 टन व सूरत के लिए 170 टन डीएमआर -249 ए ग्रेड स्टील की आपूर्ति बीएसएल की ओर से की गयी थी. सेल ने दोनों युद्धपोत के लिए 4300 टन विशेष स्टील की आपूर्ति की है. इसमें बीएसएल का 2170 टन स्टील शामिल है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक सर्वेक्षण युद्धपोत इक्षक के निर्माण में भी बीएसएल ने 1000 टन एचआर शीट्स व प्लेट की आपूर्ति की है.
समुद्री क्षेत्राें में खतरे से निपटने के लिए नौसेना को हमेशा तत्पर रहने की जरूरत : राष्ट्रपति
इस मौके पर कोलकाता में ‘विंध्यगिरि’ का जलावतरण करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्नत युद्धपोत का उत्पादन ‘आत्मनिर्भर भारत’ और देश की तकनीकी प्रगति का प्रतीक है. इसके साथ ही उन्होंने समुद्री क्षेत्रों में खतरे से निपटने के लिए नौसेना को हमेशा तत्पर रहने का आह्वान किया. कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़े कई पहलू हैं तथा सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए नौसेना को हमेशा तत्पर रहना चाहिए. उन्होंने भारत के समुद्री हितों की रक्षा में भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. राष्ट्रपति से आगे कहा कि हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. अब हम भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास कर रहे हैं. हमारी व्यापारिक वस्तुओं के एक बड़े हिस्से का समुद्री मार्ग से परिवहन होता है. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विंध्यगिरि का जलावतरण भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने का प्रतीक है. इस स्वदेशी जहाज का निर्माण आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी एक कदम है. विंध्यगिरि, प्रोजेक्ट 17ए का हिस्सा है जो आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह परियोजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए स्वदेशी नवाचार को प्रदर्शित करती है.
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छठे नौसैन्य युद्धपोत ‘विंध्यगिरि’ का जलावतरण
बता दें कि गुरुवारको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हुगली नदी के तट पर ‘गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड’ (जीआरएसइ) केंद्र में भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट 17 अल्फा’ के तहत निर्मित छठे नौसैन्य युद्धपोत ‘विंध्यगिरि’ का जलावतरण किया.