बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : भोजपुरी गायिकी में आयी अश्लीलता कोई आज आयी है यह बात नहीं है. पहले भी गानों में अश्लीलता हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान में यह कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. दर्शक के भी दो तीन वर्ग होते हैं. कुछ लोग इंटरटेनमेंट, तो कुछ लोग अश्लील गाना पंसद करते हैं. वही, कुछ लोग निर्गुण पंसद करते हैं. सभी के अलग-अलग दर्शक हुआ करते हैं. फिलहाल आज भोजपुरी गायकों की बाढ सी आ गई है और ज्यादातर लोग अश्लील गा रहे हैं जो ज्यादा बज भी रहा है. उक्त बातें भोजपुरी और लोक गायक छैला बिहारी ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कही.
गाना ऐसा हो कि बेटी और बाप एक साथ बैठकर गाना सुने
छैला बिहारी ने कहा कि मेरा मानना है कि गाना ऐसा हो कि बेटी और बाप एक साथ बैठकर गाने को सुने. गाने में अश्लीललता का समावेश नहीं हो, ताकि बाप और बेटी को गाने सुनने में शर्मिंदगी महसूस नहीं करना पड़े और दोनों गाने पर झूमे. शारदा सिन्हा और भरत शर्मा जैसे गायकों का दौर याद करें, तो इनको लोग आज भी सुनना पंसद करते हैं. संगीत का मतलब है लोग झूमे, ना कि शर्मिंदगी महसूस करें.
अच्छे गानों का काफी अभाव है
एक सवाल के जवाब में छैला बिहारी ने कहा कि फिलहाल अच्छे गानों का काफी अभाव है. सच कहे तो अभी मार्केट खाली है और अच्छा पंच लाइन के साथ गाने वाले लोगों के लिए अभी बेहतर प्लेटफार्म है. पहले कई गायक थे जो अच्छा गाना गाते थे, लेकिन अब अच्छा गाना गाने वाले गायक का अभाव हो गया है. कहा कि जब मैंने अपना एलबम ‘लागल छे प्यार के बुखार…’ गाया तो वह काफी हिट हुआ था. कहा कि बिहार की लोक गायिकी की पूरे विश्व में कोई तुलना नहीa है.
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गाना ऐसा हो जिसे सब एक साथ बैठकर सुने
उन्होंने कहा कि जब संगीतकार सुरेंद्र कोहली ने छठ के कर्णप्रिय गीत कांच ही बास के बंहगिया के लिए संगीत दिया, तो उनका म्यूजिक हिट हो गया. कहा कि बिहार के लोग जितना संगीत को समझते हैं और संगीत के प्रेमी होते हैं वो पूरे दुनिया में नहीं है. कहा कि जो पूरी दुनिया में मातम में बजता है वो बिहार में बजे तो लोग डांस करने लगते हैं. बड़े-बड़े कलाकार, गायक व एक्टर को सुपर स्टार बिहार ने ही बनाया. गाने ऐसे हो जब सब लोग साथ बैठकर सुने और रिदम ऐसा हो कि डांस करें.
मेरे बेटे को अंग्रेजी गाना पंसद है
लोक गायक छैला बिहारी ने कहा कि मेरे पुत्र ने जो भी गाना गाया उसे मैंने जबरदस्ती गवाया. उसकी बिल्कुल ही लोकगीत गाने की इच्छा नहीं थी. वो होश संभालते ही शहर में चला गया, तो सोच बदल गयी. उसे अंग्रेजी गाने पंसद है. एक बार किसी के घर में मातम था और महिला रो रही थी. उसकी आवाज सुनकर पुत्र कहने लगा कि पापा देखो महिला गाना गा रही है. मैंने कहा कि हमारे यहां रोते भी हैं, तो उसमें भी रिदम है.
मुझे दर्शकों का काफी प्यार मिला
एक अन्य सवाल के जबाब में कहा कि मुझे दर्शकों का काफी प्यार मिला, जितना मैं उस लायक नही था. मैंने संगीत का सा और पा भी नहीं सिखा. जब प्यार का बुखार एलबम हिट हुआ, तो मुझे पता चला कि मैं इतना बेसूरा गाता हूं. पहले पता होता, तो गाता ही नहीं. व्यक्ति की इच्छाएं अनंत होती है. मैं जितने के लायक नहीं था, जीवन में उससे ज्यादा मिला. इसका सारा श्रेय मेरा माता-पिता द्वारा दिये गये संस्कार को जाता है. आज भी मैं अपने गांव के लोगों की सेवा में लगा रहता हूं. कहा कि मैंने भोजपुरी में इंट्री कर 10 फिल्में भी की, लेकिन मैं क्रियेशन बनकर काम नहीं करना चाहता, बल्कि मैं एक क्रिएटर हूं. मुझे उसी व्यक्ति से पटती है जो अंडरग्राउंड होकर काम करता हो, क्रियेटर होकर नहीं.
रिमेक फिल्म बनाना मुझे पसंद नहीं
छैला बिहारी ने कहा कि लोग फिल्म का ऑफर तो लेकर आते हैं, लेकिन रिमेक फिल्म बनाना चाहते हैं जो मुझे पंसद नहीं है. जो तुरंत कुछ हासिल करना चाहता है उससे मेरी पटती नहीं है. जब पवन सिंह ने लालीपॉप गाना गाया, तो काफी हिट हुआ. अगर मैं पवन सिंह के स्थान पर रहता, तो लॉलीपॉप के बाद मैं कभी ‘रात दिया बुझाके तुने क्या-क्या…’ जैसे गाने नहीं गाता. एकबार मैं दिलीप सेन-समीर सेन के स्टूडियो से बाहर निकल गया क्योंकि मुझे कंपोजिशन पंसद नहीं आया.
झारखंड से मेरा है गहरा लगाव
उन्होंने कहा कि झारखंड से मेरा गहरा लगाव रहा है. मैं रियल झारखंडी हूं. मेरी शिक्षा-दिक्षा रांची से हुई. झारखंड अलग राज्य आंदोलन के लिए कई गाने गाये. नागपुरी में सबसे पहले एचएमवी के लिए मैंने गाना गाया. जब यहां गायिकी का मार्केट नहीं दिखा, तो फिर मैं भोजपुरी में शिफ्ट हो गया. कहा कि अब फिर से एक बार मैं लोकगीत की गायिकी की और लौट रहा हूं. जल्द ही मेरे गीतों के एलबम आने वाले हैं जो शुद्ध रूप से लोकगीत पर आधारित होंगे. जिसमें इंटरटेनमेंट के साथ-साथ मैसेज भी रहेगा.
आज के कलाकार नहीं दे रहे हैं एक-दूसरे को सम्मान
लोक गायक छैला बिहारी ने कहा कि स्टेज प्रोग्राम और यू टयूब का दौर आने के बाद में कुछ समय के लिए गीतों से दूर हो गया था. एक सवाल के जबाब में कहा कि आज बिहार के कुछ भोजपुरी गायक मीडिया में बने रहने के लिए कभी एक-दूसरे को सोशल मीडिया में जमकर गाली-गलौज करते हैं, तो कभी एक-दूसरे की तारीफ करने लगते हैं. पहले गायन के क्षेत्र में इस तरह का प्रचलन नहीं था. पहले अपने से श्रेष्ठ गायकों को लोग सम्मान दिया करते थे. आज कलाकार एक-दूसरे को सम्मान कम और गाली ज्यादा दे रहे हैं.
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