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कोल इंडिया: बेसिक की बजाय भत्तों में बढ़ोतरी करना चाहता है प्रबंधन

कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से चार अगस्त को धनबाद में वित्तीय कमेटी की बैठक की गयी. इस बैठक में प्रबंधन ने दबे स्वर में कहा कि कोलकर्मियों के बेसिक में बढ़ोतरी की बजाय अन्य तरह के भत्तों में बढ़ोतरी ली जा सकती है. वे भारत सरकार की गाइडलाइन के बाहर नहीं जा सकते हैं.

Bokaro news: कोयला उद्योग में कार्यरत कोलकर्मियों का वेजबोर्ड-11 को लेकर अभी तक कोई भी सकारात्मक संकेत देखने को नहीं मिल रहा है. वेजबोर्ड-11 को लेकर अभी तक जेबीसीसीआइ-11 की पांच बैठकें हो चुकी हैं. जेबीसीसीआइ-11 की छठी बैठक आगामी दो सितंबर को कोलकाता में होगी.

बेसिक बढ़ोतरी की बजाय अन्य तरह के भत्तों में बढ़ोतरी

कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से चार अगस्त को धनबाद में वित्तीय कमेटी की बैठक की गयी. इस बैठक में प्रबंधन ने दबे स्वर में कहा कि कोलकर्मियों के बेसिक में बढ़ोतरी की बजाय अन्य तरह के भत्तों में बढ़ोतरी ली जा सकती है. वे भारत सरकार की गाइडलाइन के बाहर नहीं जा सकते हैं. बहरहाल, वेजबोर्ड-11 का वेतन समझौता अभी निकट भविष्य में संपन्न होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि अब सितंबर माह से कोलकर्मियों का ध्यान वेतन समझौता के बजाय सालाना बोनस (एक्सग्रेशिया) पर टिक जायेगा. प्रबंधन सूत्रों के अनुसार कोलकर्मियों के सालाना बोनस को लेकर 20-22 सितंबर तक बैठक हो सकती है. मालूम हो कि आगामी 26 सितंबर से इस बार नवरात्र शुरू हो जायेगा.

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वित्तीय कमेटी की रिपोर्ट पर शुरू होगी चर्चा

मालूम हो कि वेजबोर्ड-11 के लिए जेबीसीसीआइ की पांचवीं बैठक में एक छह सदस्यीय वित्तीय कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी को कोलकर्मियों के वेज को लेकर प्रबंधन के साथ वार्ता कर जेबीसीसीआइ-11 की छठी बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, ताकि कोल इंडिया प्रबंधन व जेबीसीसीआइ सदस्य उस पर चर्चा शुरू कर सकें. उक्त छह सदस्यीय कमेटी में कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता तथा कोल इंडिया के जीएम (एमपी एंड आइआर) अजय कुमार चौधरी को शामिल किया गया है. जबकि जेबीसीसीआइ सदस्यों की ओर से बीएमएस के सुरेंद्र पांडेय, एटक के लखनलाल महतो, एचएमएस के सिद्धार्थ गौतम तथा सीटू की ओर से डीडी रामानंदन को शामिल किया गया है.

गाइडलाइन बेसिक बढ़ोत्तरी में बनी बाधक

जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में भारत सरकार ने देश के सभी सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत किसी भी पब्लिक सेक्टर के एक्जिक्यूटिव का लोअर ग्रेड तथा नन-एक्जिक्यूटिव का हायर ग्रेड में बेसिक में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए. यही गाइडलाइन इस बार वेजबोर्ड-11 में कोलकर्मियों के बेसिक बढ़ोतरी में बाधक बन रहा है. दूसरी ओर वित्तीय कमेटी की बैठक में कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से यह भी कहा गया कि वेजबोर्ड-11 में कोलकर्मियों के 20 फीसदी एमजीबी पर कोल इंडिया को हर साल 56 सौ करोड़ रुपये देने पड़े थे. इस बार अगर पिछली बार की ही तरह 20 फीसदी अगर एमजीबी देंगे तो कोल इंडिया को हर साल लगभग 75 सौ करोड़ रुपये देने पड़ेंगे. इस पर जेबीसीसीआइ सदस्यों ने प्रबंधन से कहा कि वेजबोर्ड-10 के समय कोलकर्मियों की संख्या 2.92 लाख थी. पिछले पांच साल में करीब 56 हजार कोलकर्मी रिटायर हो गये. फिलहाल कोल इंडिया का मैन पावर 2.32 लाख के आसपास रह गया है. ऐसे में कोलकर्मियों के वेज में 75 सौ करोड़ से कम की राशि लगेगी.

रिपोर्ट: राकेश वर्मा, बेरमो

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