कसमार (बोकारो) : देशव्यापी लॉकडाउन में संकट में फंसे लोगों की सहायता के लिए कसमार प्रखंड में कई मददगारों ने अपने-अपने स्तर से हाथ बढ़ाया है. इनमें केंद्रीय विद्यालय से सेवानिवृत्त शिक्षक कसमार निवासी मुरारी कृष्ण चौबे का नाम भी उल्लेखनीय है. उम्र के इस पड़ाव में भी वे एक कोरोना वारियर्स के रूप में सक्रिय हैं. पढ़िए दीपक सवाल की यह रिपोर्ट.
केंद्रीय विद्यालय से सेवानिवृत्त शिक्षक मुरारी कृष्ण चौबे वर्तमान में संकट में फंसे लोगों के लिए मददगार बने हैं. लॉकडाउन के बाद से ही श्री चौबे लोगों की मदद में जुटे हैं. आज भी यह उनकी दिनचर्या बन गयी है. क्षेत्र में जरूरतमंदों को अनाज से, तो बाहर फंसे श्रमिकों को उनके बैंक खाता में नकद राशि भेज कर मदद कर रहे हैं.
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शुक्रवार को विभिन्न राज्यों में फंसे 15 मजदूरों को सीधे उनके बैंक खाते में पैसा डालने के बाद शनिवार को भी उनका यह अभियान जारी रहा. शनिवार को खैराचातर में लॉकडाउन में पिछले करीब डेढ़ माह से फंसे सर्कस परिवार की मदद को हाथ बढ़ाया. श्री चौबे ने मानवता का परिचय देते हुए सर्कस टीम को एक क्विंटल चावल प्रदान किया.
बताया जाता है कि इस सर्कस परिवार में दो दर्जन से अधिक सदस्य हैं. लंबे दिनों के लॉकडाउन में इनके समक्ष खाद्यान्न का संकट उत्पन्न हो गया है. इसकी जानकारी मिलने पर श्री चौबे ने मदद की. इसके अलावा मुंबई में फंसे दुर्गापुर के ललमटिया निवासी मो सुल्तान अहमद एवं बेंगलुरु में फंसे टांगटोना पंचायत के जामकुदर गांव निवासी पवन कुमार दत्ता के बैंक खाता में भी सहायता राशि भेजी गयी.
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श्री चौबे ने कहा कि लॉकडाउन में असंख्य लोग काफी संकट में फंसे हुए हैं. अपने क्षेत्र के ऐसे लोगों को चिह्नित कर अपने पेंशन के पैसों से मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में अगर मैं किसी के काम आ पा रहा हूं, तो इससे बड़ी खुशी मेरे लिए कुछ भी नहीं है. जरूरतमंदों को सरकार भी मदद कर रही है. लेकिन, हमलोगों का भी कर्तव्य है कि हमसभी आगे आयें और जरूरतमंदों को सहयोग कर सकें.