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बोकारो के समीर की कोयंबटूर में मौत पर परिजनों ने किया राजभवन में प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग

बोकारो के समीर कुमार की संदेहास्पद मौत को लेकर परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं. दरअसल, समीर कुमार का शव गुरुवार की सुबह रांची पहुंचा. जिसके बाद परिजन शव के साथ राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किये और उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

Bokaro News: कोयंबटूर में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त बोकारो के समीर कुमार की संदेहास्पद मौत को लेकर परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं. दरअसल, समीर कुमार का शव गुरुवार की सुबह रांची पहुंचा. जिसके बाद परिजन शव के साथ राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किये और उच्चस्तरीय जांच की मांग की. हालांकि परिजनों ने बताया कि समीर की मौत नहीं बल्कि उसकी हत्या कर शव को लटका दिया गया है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिये.

क्या है पूरा मामला

तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित करूण्या इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त कसमार थाना क्षेत्र के दांतू निवासी समीर कुमार (28 वर्ष) की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी. संस्थान के परिसर में स्थित उसके कमरे से शव मिला. मृतक दांतू निवासी समाजसेवी विवेकानंद नायक व मालती नायक का पुत्र और क्रिमिनोलॉजिस्ट आकांक्षा कुमारी का भाई है. परिजनों के मुताबिक सोमवार को ही समीर ने वार्डन के पद पर ज्वाइन किया था. जबकि वह ऐसा नहीं चाहता था और एचओडी से इस बारे में बातचीत भी की थी. एचओडी ने एक महीने बाद विभाग बदलने का आश्वासन दिया था. परिजनों के अनुसार, घटना का खुलासा तब हुआ, जब वह सुबह साढ़े आठ बजे होनेवाली असेंबली में नहीं पहुंचा था.

संस्थान के कर्मी उसके कमरे पर गये तो बंद मिला. काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो संदेह हुआ. दरवाजा तोड़ने पर देखा कि बेल्ट के सहारे समीर का शव फंदे पर झूल रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को संस्थान के ही अंतर्गत संचालित एक अस्पताल की मर्चरी में रखवा दिया. सूचना पाकर मुंबई की एक कंपनी में कार्यरत मृतक का भाई प्रवीर कुमार कोयंबटूर के लिए रवाना हो गया. परिजनों के अनुसार, पुलिस ने कहा कि परिवार के किसी सदस्य के पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर सौंप दिया जाएगा. वहीं, संस्थान के अधिकारियों ने शव को हवाई जहाज से भेजने की व्यवस्था करने की बात कही थी.

रात को माता-पिता से की थी बात

समीर के माता-पिता ने बताया कि सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे उससे बात हुई थी. उससे पहले शाम को वीडियो कॉल कर अपना कमरा भी दिखाया और बताया कि वह शिफ्ट हो गया है. रात हॉस्टल में रहने वाले सभी बच्चों का अटेंडेंस लेने के बाद वह सोएगा. इसी बीच यह भी बताया कि वह वार्डन में ज्वाइन नहीं करना चाहता था. एचओडी द्वारा एक माह बाद विभाग बदलने के आश्वासन के बाद ज्वाइन किया है. परिजनों ने इस मामले में एचओडी की भूमिका पर संदेह उत्पन्न किया है. कहा कि समीर की नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर में हुई थी. उसे जबरदस्ती वार्डन में ज्वाइन करा दिया है. संभव है कि इसके लिए उसके साथ बुरा सलूक भी किया गया होगा.

13 अगस्त को घर से हुआ था रवाना

समीर इससे पहले रांची स्थित झारखंड रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में सेवारत था. अगस्त में ही नौकरी से इस्तीफा दिया था. 13 अगस्त को वह कोयंबटूर के लिए रवाना हुआ और 14 अगस्त को संस्थान में योगदान दिया था. दुर्गा पूजा में घर आने की बात कही थी. समीर की मौत की सूचना मिलने पर गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने परिजनों से बातचीत की और ढांढस बंधाया. विधायक ने कोयंबटूर पुलिस से भी बात कर मामले का उद्भेदन करने को कहा है. वहीं, स्थानीय मुखिया चंद्रशेखर नायक समेत काफी संख्या में लोग मृतक के घर पहुंचे तथा शोक संवेदना व्यक्त किया.

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