Dev Uthani Ekadashi and Tulsi Vivah 2020 : बोकारो (सुनील तिवारी) : कोरोना वायरस की वजह से बैंड-बाजा व विवाह पर लगा सरकारी लॉकडाउन भले ही हट गया हो, लेकिन विवाह मुहूर्त का लॉकडाउन अभी भी लगा हुआ था, जो आज 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के साथ खुलेगा. इस साल के आखिरी नवंबर व दिसंबर में लगभग एक दर्जन ही विवाह की शुभ तिथियां हैं. इसके लिए अभी से बैंड-बाजा, कैटरिंग व होटल, गार्डन की बुकिंग शुरू हो गयी है.
आज बुधवार (25 नवंबर) से बैंड बाजा बजेगा और बारात सजेगी. इसकी तैयारी एडवांस बुकिंग के साथ शुरू हो गयी है. शादी-विवाह के आयोजन से जुड़े व्यसायियों ने बताया कि नवंबर-दिसंबर में होने वाले शादी-विवाह की इतनी बुकिंग आ रही है कि छह माह से ठप पड़ा होटल, टेंट, लाइट एंड डेकोरेशन का कारोबार 20 फीसद तक सुधार की स्थिति में आ जायेगी यानी उक्त व्यवसाय से जुड़े लोगों की जिंदगी पटरी पर दौड़ने लगेगी.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह किया जाता है. इसे देवउठनी एकादशी के रूप में भी मनाया जाता है. इस साल यह एकादशी आज 25 नवंबर को है. इस दिन माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम के साथ किया जाता है. माना जाता है कि जो व्यक्ति तुलसी विवाह का अनुष्ठान करता है, उसे उतना ही पुण्य प्राप्त होता है, जितना कन्यादान से मिलता है. शालिग्राम, विष्णु जी का हीं एक अवतार माने जाते हैं.
Also Read: सिलेबस में कटौती के बाद अब झारखंड मैट्रिक-इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रश्न पत्रों में होंगे बदलाव
तुलसी विवाह के लिए तुलसी के पौधे के चारों ओर मंडप बनायें. फिर, तुलसी के पौधे को एक लाल चुनरी अर्पित करें. साथ ही सभी श्रृंगार की चीजें भी अर्पित करें. इसके बाद गणेश जी और शालिग्राम भगवान की पूजा करें. शालिग्राम भगवान की मूर्ति का सिंहासन हाथ लें. फिर इनकी सात परिक्रमा तुलसी जी के साथ कराएं. आरती करें. विवाह के मंगलगीत अवश्य गायें. ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी का अवतार माता तुलसी हैं.
ज्योतिषाचार्य पंडित शिव कुमार शास्त्री ने बताया कि नवंबर में देवउठनी एकादशी के साथ ही शादियों का सिलसिला शुरू हो जाता है. 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही शुभ मुहूर्तों की शुरूआत हो गयी. 25 नवंबर को तुलसी पूजा पर तुलसी व सालिग्राम का विवाह कराने के बाद शुभ संस्कारों की शुरुआत होती है. इसके बाद 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास रहेगा. इस दौरान शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे.
Posted By : Guru Swarup Mishra