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डुमरी उपचुनाव : पहली बार एनडीए का होगा प्रत्याशी, पहले बीजेपी-आजसू दोनों के होते थे प्रत्याशी

डुमरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर रविवार को एनडीए ने भी अपना प्रत्याशी घोषित किया. इस उपचुनाव में एनडीओ ने आजसू पार्टी की यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाया है. इस चुनाव में पहली बार एनडीए ने प्रत्याशी दिया है. इससे पहले के चुनाव बीजेपी और आजसू पार्टी के अलग-अलग प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.

बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : डुमरी विधानसभा चुनाव में पहली बार एनडीए का प्रत्याशी होगा. एनडीए की ओर से आजसू की यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए और यूपीए के बीच भी पहली दफा चुनावी मुकाबला होगा. मालूम हो कि 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू व बीजेपी ने यहां अलग-अलग चुनाव लड़ा था. आजसू की ओर से यशोदा देवी प्रत्याशी थी जिन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था. उन्हें कुल 36,840 मत प्राप्त हुआ था. जबकि बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप साहू को 36,013 मत मिला था. यानी एनडीए ने इस चुनाव में 72,853 मत बटोरे थे. वहीं, चुनाव में जीत दर्ज करने वाले झामुमो के दिवंगत जगरनाथ महतो को 71,128 मत मिले थे.

इस बार दो महिला प्रत्याशियों के बीच टक्कर की संभावना

इस बार के उपचुनाव में एनडीए की ओर से आजसू प्रत्याशी के रूप में यशोदा देवी को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया गया है. अब इस सीट पर दो महिला प्रत्याशियों के बीच आमना-सामना होगा. आजसू ने इससे पूर्व 2014 में भी डुमरी विधानसभा का चुनाव लड़ा था तथा टिकाराम महतो उर्फ बिगन महतो प्रत्याशी थे. इन्हें 1,260 मत मिला था तथा 10वें स्थान पर रहे थे जबकि बीजेपी शुरू से इस विधानसभा का चुनाव लड़ती रही है. 1985 में ईश्वरी लोहानी, 1990 में प्रशांत जायसवाल, 1995 में कैलाश पंडित के बाद 2014 में लालचंद महतो ने बजेपी के टिकट पर चुनाव लडा था.

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जदयू ने छह बार लड़ा डुमरी विधानसभा का चुनाव

बीजेपी और आजसू के अलावा जदयू ने भी डुमरी विधानसभा का चुनाव छह दफा लड़ा है. वर्ष 2000 में पहली बार बीजेपी समर्थित जदयू से लालचंद महतो ने इस सीट पर चुनाव लड़ा तथा जीत दर्ज की थी. इसके बाद वर्ष 2005 में दिवंगत दामोदर महतो (यशोदा देवी के पति) ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा 16,917 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. 2009 में पुन: जदयू प्रत्याशी दामोदर महतो बनाये गये और उन्होंने 20,292 मत लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया. इसके बाद 2014 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में मौलाना मोबिन रिजवी ने चुनाव लड़ा और उन्होंने 16,730 मत लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया. वर्ष 2019 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में फिर से एक बार लालचंद महतो ने चुनाव लड़ा तथा उन्हें मात्र 5219 मत से ही संतोष करना पड़ा था.

यशोदा देवी के नॉमिनेशन में बीजेपी के सांसद-विधायक रहेंगे मौजूद

इधर, एनडीए द्वारा आजसू पार्टी की यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाये जाने के निर्णय के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है. यशोदा देवी आगामी 17 अगस्त को नामांकन करेंगी. रविवार को आजसू अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक डॉ लंबोदर महतो और प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे. आजसू नेताओं के साथ बीजेपी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और संगठन महामंत्री कर्मवीर के साथ डुमरी उपचुनाव पर मंथन हुआ. बीजेपी से सहमति मिलने के बाद आजसू पार्टी की ओर से प्रत्याशी के नाम की आधिकारिक घोषणा की गयी. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने बताया कि बीजेपी नेताओं के साथ बैठक के बाद यशोदा देवी को एनडीए का संयुक्त प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को यशोदा देवी नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. नामांकन के मौके पर आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो के अलावा बीजेपी की ओर से सांसद-विधायक विशेष रूप से मौजूद रहेंगे. सांसद आदित्य साहू और संगठन महामंत्री कर्मवीर 16 अगस्त को ही डुमरी पहुंच जायेंगे.

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दामोदर महतो की पत्नी हैं यशोदा देवी

बता दें कि यशोदा देवी झारखंड आंदोलनकारी दिवंगत दामोदर महतो की पत्नी हैं. दामोदर महतो एकीकृत बिहार में जदयू के नेता थे. यशोदा देवी वर्ष 2019 में डुमरी से आजसू पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ी थीं. इसमें वह दूसरे स्थान पर रहीं थी. वह डुमरी की प्रमुख भी रहीं हैं. फिलहाल वह पंचायत समिति सदस्य हैं.

वर्ष 2005 से विधानसभा चुनाव की स्थिति

चुनाव वर्ष : पार्टी : विजयी प्रत्याशी : दूसरे स्थान पर : मतों का अंतर

2005 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 18 हजार मतों का अंतर

2009 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 13 हजार वोट का अंतर

2014 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो, बीजेपी : करीब 33 हजार मतों का अंतर

2019 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : यशोदा देवी, आजसू : 34 हजार से अधिक मतों का अंतर

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