फुसरो : नगरचंद्रपुरा प्रखंड की बंदियो पंचायत के 36 मजदूर कर्नाटक के बेंगलुरु में फंसे हुए हैं. सभी वहां एक स्टील कंपनी में काम कर रहे थे. सभी मजदूर बंदियो पंचायत के लाहरबेड़ा, कुशलबंधा, पहिया, नावाडीह, फतेहपुर, बंदियो आदि गांवों के रहने वाले हैं. फंसे मजदूर बलदेव महतो, गिरधारी महतो व कुमार महतो ने बताया कि सभी मजदूर एक साल पहले वहां काम करने गये थे. कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन होने के बाद कंपनी का काम बंद हो गया. कंपनी ने राशन उपलब्ध कराया था, जो 14 अप्रैल को खत्म हो गया.
इसके बाद कंपनी भाग गयी. राशन खत्म होने के बाद सभी मजदूर पिछले तीन दिनों से बिस्कुट खा कर दिन बिता रहे हैं. अब खाने-पीने का पैसा भी नहीं बचा है. शीघ्र मदद नहीं मिली तो भूखे मरने की नौबत आ जायेगी. इधर, घर में मजदूरों के परिजन भी काफी चिंतित हैं. फंसे मजदूरों ने शुक्रवार को बंदियो के पंसस और चंद्रपुरा के उप प्रमुख अनिल महतो को फोन कर जान बचाने की गुहार लगायी है. उप प्रमुख श्री महतो ने फंसे मजदूर बलदेव महतो के बैंक खाता में तत्काल पांच हजार रुपये भेजा है.
इससे मजदूरों को कुछ राहत मिली है.फंसे मजदूरों ने लगायी जान बचाने की गुहार बेंगलुरु में फंसे मजदूरों ने अपने गांव के पंचायत प्रतिनिधियों को फोन कर जीवन बचाने की गुहार लगायी है. बलदेव महतो ने अपने बैंक खाता- 4624000400083092, आइएफएससी कोड- पीयूएनबी 0462400 पर लोगों से सहायता राशि भेजने की अपील की है .
ये मजदूर फंसे हैं बेंगलुरु में तालेश्वर महतो, घनु महतो, कैलाश महतो, खिरोधर महतो, देव नारायण महतो, दुलारचंद महतो, भुनेश्वर महतो, छोटू महतो, टुपलाल महतो, दिलीप महतो ,महादेव महतो, संतोष महतो, लक्ष्मण महतो, धर्मदेव महतो, अजय कुमार, नीलकंठ महतो,बालदेव महतो, मिठु महतो, बालेश्वर महतो, सुरेश यादव, राहुल यादव, जितेंद्र यादव, प्रेमचंद सिंह, चंद्रदेव सिंह, कमल सिंह, संतोष यादव, डालो महतो, राजेश महतो, टेकलाल महतो, तेजो महतो, जीवाधन महतो, मदन रजक, मुकेश महतो, अजय महतो, पिंटू महतो आदि.