Jharkhand News: स्टील के लिए प्रसिद्ध बोकारो में कीट-पतंगों का भी संसार है. अलग-अलग जगह दिखने वाली तितलियां अब सेक्टर चार स्थित जवाहर लाल नेहरु जैविक उद्यान में एक ही जगह पर पर्यटकों को देखने के लिए मिल जायेंगी. सैलानियों को आकर्षित करने व तितली सरंक्षण के लिए जैविक उद्यान में बटरफ्लाई पार्क बनाया जा रहा है. पार्क के लिए उद्यान में पांच सौ स्क्वायर फीट जगह का चयन कर लिया गया है. उद्यान के ग्रीन हाउस स्थल को बटरफ्लाई पार्क में परिवर्तित किया जायेगा. इसके लिये काम भी शुरू कर दिया गया है.
2023 में बटरफ्लाई पार्क का तोहफा
जवाहर लाल नेहरु जैविक उद्यान में बटरफ्लाई पार्क की स्थापना को लेकर बोकारो की टीम जमशेदपुर व नोवामुंडी स्थित बटरफ्लाई पार्क का दौरा कर चुकी है. उसी के आधार पर शुरुआत भी हो चुकी है. अलग-अलग प्रजाति की तितलियों के लिए अलग-अलग तरह का पौधा व घास लगाया जा रहा है. 2022 के अंत तक जैविक उद्यान में बटरफ्लाई पार्क का काम पूरा कर लिया जायेगा. शहरवासियों को 2023 में बटरफ्लाई पार्क का तोहफा मिलेगा. उद्यान में घूमने-फिरने के लिए बोकारो सहित धनबाद-गिरिडीह से लोग आते हैं.
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पांच सौ स्क्वायर फीट में लगेंगे पौधे व घास
जैविक उद्यान में अब पशु-पक्षियों के साथ तितलियों का खूबसूरत संसार भी दिखेगा. उद्यान के ग्रीन हाउस स्थल को बटरफ्लाई पार्क के रूप में डेवलप किया जा रहा है. उद्यान का ग्रीन हाउस लंबे अरसे से बंद है. इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है. उद्यान में कई रंग-बिरंगी तितलियों की प्रजातियां मौजूद हैं. इसे देखते हुए बोकारो स्टील प्रबंधन ने इन तितलियों को एक ही जगह पर दिखाने की योजना बनायी है. पांच सौ स्क्वायर फीट में ऐसे पौधे व घास लगाए जाएंगे, जिनमें तितलियां अपने अंडे देती हैं.
तितलियों के सरंक्षण व जागरूकता को लेकर पहल
बटरफ्लाई पार्क को डेवलप करने के लिए चयनित स्थल पर नींबू, धान, आंख, बरगद, पाम, रेटल पॉट, फूल, घास, बेल आदि के पौधे व घास लगाये जायेंगे. पर्याप्त भोजन होने व वासस्थल की वजह से तितली इसी पार्क में मंडराती दिखेंगी. तितलियां अलग-अलग पौधों में अंडे देती हैं. अंडे से लार्वा, लार्वा से प्यूपा व प्यूपा से तितली बनती है. इससे जैविक उद्यान आने वाले पर्यटकों को तितली के बारे में जानने का मौका भी मिलेगा. तितलियों के संरक्षण व जागरूकता को लेकर भी यह पार्क महत्वपूर्ण होगा.
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जैविक उद्यान का आकर्षण होगा बटरफ्लाई पार्क
127 एकड़ में फैले जैविक उद्यान में दो सौ पचास से अधिक वन्यप्राणी हैं. इनमें लगभग 130 तरह के जानवर व 140 तरह के पक्षी शामिल हैं. जैविक उद्यान का संचालन बोकारो स्टील के द्वारा किया जाता है. अब जैविक उद्यान में तितलियों का एक पार्क बनाया जा रहा है. ऐसे में स्टील सिटी बोकारो शहर में आने वाले लोग एक ही स्थान पर अलग-अलग प्रकार की तितलियां देख पायेंगे. उद्देश्य तितलियों का संरक्षण और उन्हें उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराना है. बटरफ्लाई पार्क जैविक उद्यान का आकर्षण होगा.
उद्यान के पशु चिकित्सक की कांट्रैक्ट पर हो गयी है बहाली
जैविक उद्यान में पशु चिकित्सकों की बहाली कांट्रैक्ट पर हो गयी है. एक सप्ताह के भीतर उद्यान में पशु चिकित्सक योगदान दे देंगे. यहां उल्लेखनीय है कि यह पद चार-पांच माह से खाली था. उधर, उद्यान स्थित मछली घर का भी बहुत जल्द कायाकल्प होने वाला है. इसके लिए टेंडर हो गया है. मछली घर को नये सिरे से मरम्मत व निर्माण कार्य किया जायेगा. अगले चार से छह माह के भीतर मछली घर फिर से शुरू होगा, जहां लोग तरह-तरह की मछली को देख सकेंगे. मछली घर पिछले दो-ढाई साल से बंद पड़ा हुआ है.
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उद्यान का भ्रमण करायेगी छुक-छुक करती रेल
जैविक उद्यान में चलने वाली टॉय ट्रेन की भी दशा-दिशा बदलने वाली है. अभी इसकी पटरी की लंबाई लगभग आधा किमी है. पटरी की लंबाई को बढ़ाया जायेगा. लगभग सवा किमी पटरी की लंबाई होगी, जो उद्यान का भ्रमण करायेगी. इसका इंजन व डब्बा भी नया होगा. इस दिशा में प्रबंधन ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. उद्यान में बहुत जल्द तेंदुआ, हिप्पो जानवर आयेंगे. उसके बाद पशु चिकित्सक के उद्यान में योगदान देने के बाद और भी जानवर लाये जायेंगे.
रिपोर्ट : सुनील तिवारी