Jagarnath Mahto Health Update, Jharkhand News, बेरमो (बोकारो) : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो फेफड़े के गंभीर संक्रमण की बीमारी से पूरी तरह से स्वस्थ हो गये हैं. कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रूप से संक्रमित हुए शिक्षा मंत्री का चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल में इलाजरत हैं. इस दौरान शिक्षा मंत्री का सफल लंग्स ट्रांस्पलांट हुआ है. 92 दिन बाद शिक्षा मंत्री काफी स्वस्थ दिखे हैं. काफी दिनों पर उनके चेहरे पर मुस्कान दिख रही है. संभावना है कि हॉस्पिटल से जल्द शिक्षा मंत्री को छुट्टी मिल सकती है और झारखंड वापस आ सकते हैं.
Jagarnath Mahto Health Latest News: MGM अस्पताल, चेन्नई के डॉक्टर्स ने गुरुवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण फेफड़ों के गंभीर संक्रमण होने से लंग्स का ट्रांसप्लांट कराना जरूरी था. शिक्षा मंत्री का लंग्स ट्रांसप्लांट एमजीएम हेल्थकेयर में कार्डिएक साइंसेज के अध्यक्ष सह डायरेक्टर डॉ केआर बालाकृष्णन और हार्ट एंड लंग्स ट्रांसप्लांट कार्यक्रम के डायरेक्टर द्वारा किया गया था. इसमें डॉ सुरेश राव, डॉ श्रीनाथ और डॉ अपार जिंदल भी शामिल थे.
बता दें कि कोरोना संक्रमित होने पर रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था. यहां ठीक नहीं होने पर उन्हें रांची के मेडिका हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. यहां भी स्थिति बेहतर नहीं होता देख चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. हॉस्पिटल के विशेषज्ञों की राय पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया. शिक्षा मंत्री के इलाज का खर्च झारखंड सरकार वहन कर रही है.
Also Read: Bamboo Cultivation : अंग्रेजों के जमाने में बांस की खेती के लिए फेमस था बोकारो का झुमरा पहाड़, अवैध कटाई ने छीनी हरियाली, अब ऐसे किया जा रहा बांसों का संरक्षण54 वर्षीय मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटिज और कोरोनरी धमनी की बीमारी से भी पीड़ित थे, जिसने इसे और अधिक गंभीर बना दिया था. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण होने वाले फाइब्रोसिस ने उनके फेफड़ों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था और उनका उपचार रेमेड्सवीर और अन्य स्टेरॉयड के साथ किया गया था. धीरे-धीरे उनकी स्थिति खराब होती गयी और उनकी ऑक्सीजन की क्षमता विशेष रूप से कम हो गयी थी.
एमजीएम की क्लीनिकल टीम ने उनका आकलन किया और क्लीनिकल स्थिति बिगड़ने के मद्देनजर उन्हें 19 अक्टूबर, 2020 को वेनो वेनस ईसीएमओ पर रखा गया और एडवांस क्लीनिकल देखभाल के लिए एमजीएम हेल्थकेयर, चेन्नई के लिए एयरलिफ्ट किया गया था. 28 अक्टूबर, 2020 को उन्हें ट्रेकियोस्टोमाइज्ड किया गया और जब उनके सीटी स्कैन में फेफड़ों में कोई सुधार नहीं दिखा, तो उन्हें फेफड़ा ट्रांसप्लांट के लिए भर्ती किया गया. ECMO पर 23 दिनों के बाद उन्हें 10 नवंबर, 2020 को दोतरफा फेफड़े के प्रत्यारोपण से गुजरना पड़ा.
इस संबंध में एमजीएम हेल्थकेयर में कार्डिएक साइंसेज के अध्यक्ष सह डायरेक्टर डॉ केआर बालाकृष्णन ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण मामला था क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण खराब हुए फेफड़ों के लिए अभी तक बहुत अधिक ट्रांसप्लांट नहीं हुआ था. हालांकि, शिक्षा मंत्री की स्थिति को देखते हुए तत्काल लंग्स ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया गया.
श्री बालाकृष्णन ने कहा कि लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद अब उनकी सेहत पहले से काफी बेहतर है. अब उनका लंग्स अच्छी तरह से काम कर रहा है. सफल लंग्स ट्रांसप्लांट के के बाद उनके ECMO को हटा दिया गया था, जिसमें उनके ऑक्सीजन स्तर में धीरे-धीरे सुधार हुआ. सर्जरी के बाद ट्रांसप्लांट लंग्स अब अच्छी तरह से काम कर रहे थे. उन्हें 8 दिसंबर, 2020 को मशीनी वेंटिलेशन से हटा दिया गया था. अंत में 1 जनवरी, 2021 को उनकी ट्रेकियोस्टोमी को हटा दिया गया था. वर्तमान में उनकी सेहत में बेहतर सुधार हो रहा है और उनके महत्वपूर्ण पैरामीटर स्थिर हैं और निरंतर निगरानी में हैं.
इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग्स ट्रांसप्लांट एंड मैकेनिकल सर्कुलर सपोर्ट के सह निदेशक डॉ सुरेश राव ने कहा कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की स्थिति स्थिर है. उनके ECMO को फेफड़े के प्रत्यारोपण के बाद हटा दिया गया है. इसके अलावा वे सभी मरीज जो कोविड निमोनिया से पीड़ित हैं और वेंटिलेटर जिनके सकारात्मक परिणाम दिखाने में विफल रहते हैं. ECMO समर्थित प्रक्रिया उनके लिए जीवनदायी साधन हो सकता है.
वहीं, क्लीनिकल निदेशक और सलाहकार, लंग्स ट्रांसप्लांट, इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी और चेस्ट मेडिसिन डॉ अपार जिंदल ने कहा कि ऐसे रोगियों में जब अन्य सभी क्लीनिकल और मशीनी उपाय विफल हो जाते हैं, तब लंग्स ट्रांसप्लांट एक विकल्प होता है.
Posted By : Samir Ranjan.