Jharkhand Weather News: झारखंड में सूरज अभी से आग बरसाने लगा है. दिनभर लू के थपेड़े चल रहे हैं. चिलचिलाती धूप देह जला रही है. मार्च में मई-जून जैसी गर्मी पड़ रही है. पारा 40 के पर चला गया है. गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल है. मानव के साथ पशु-पक्षी भी परेशान है. ऐसे में हर जुबां पर एक ही सवाल है. मार्च में ये हाल है तो मई-जून में क्या होगा ? अमूमन इतनी गर्मी हर बार अप्रैल के मध्य तक हुआ करती है.
घर-घर में चलने लगे हैं एसी-कूलर
चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से अबकी बार फरवरी महीने के अंत से ही गर्मी जैसा एहसास शुरू हो गया था. मार्च के महीने में ही गर्मी अधिक पढ़ने की वजह से लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अबकी बार मार्च में ही मई-जून जैसी गर्मी लोगों को झुलसा रही है. ऐसे में घर-घर में एसी-कूलर चलने लगे है. इससे बिजली की खपत बढ़ी है. बिजली कटौती भी हो रही है.
सुबह 10 बजे के बाद ही सड़कें सूनी
चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी का आलम यह है कि सुबह 10 बजे के बाद सड़कें सूनी होने लगी है. जो लोग घर से निकल रहे हैं. वे भी मुंह-सिर ढंककर. दिन और रात के तापमान में भी काफी अंतर आया है. आग उगलता सूरज और दिनभर चलते लू के थपेड़े की चपेट में लोग आ रहे हैं. उधर, राष्ट्रीय मौसम विभाग ने भी इस साल ज्यादा गर्मी पड़ने की संभावना जाहिर की है.
जगह-जगह सजी देसी फ्रीज की दुकान
गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ हीं बोकारो में श्रीराम मंदिर मार्केट, सिटी सेंटर सहित आधा दर्जन से अधिक जगह पर देसी फ्रीज (घड़ा, सुराही, मटका आदि) की दुकान सज गई है. लोग यहां खरीदारी के लिए पहुंच भी रहे है. उधर, पंखा, कूलर, एसी, फ्रीज आदि की डिमांड भी बढ़ गई है. खरीदारी पर तरह-तरह के ऑफर भी कंपनी की ओर से दिए जा रहे हैं. मतलब, गर्मी बाजार गर्म है.
बाघ-तेंदुआ के बाड़े में कूलर का इंतजाम
बीएसएल की ओर से सेक्टर-04 में संचालित जैविक उद्यान के पशु-पक्षियों को गरमी से बचाने के लिये तरह-तरह के जतन किये जा रहे हैं. उद्यान प्रबंधन की ओर से बाघ-तेंदुआ के बाड़े में कूलर लगाया गया है. बाकी पशु-पक्षियों के बाड़े में सुबह-शाम पानी स्प्रे किया जा रहा है. साथ ही, उद्यान के सभी पशु-पक्षियों के खान-पान व स्वाथ्य की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है.
अप्रैल में ही प्रचंड गर्मी… अभी नहीं मिलेगी राहत
अप्रैल माह में प्रचंड गर्मी पड़ने वाली है. माह के दूसरे सप्ताह में चार दिन पारा 44 डिग्री सेल्सियस के रिकार्ड स्तर को छुअेगा. वहीं, तीसरे सप्ताह में अधिकतम तापमान में गिरावट होगी. अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक गिरेगा. लेकिन, इस दौरान न्यनूतम तापमान बढ़ेगा. इसके अलावा मई माह में अधिकतम तापमान 37 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच बनी रहेगी.
प्राथमिक व समुचित उपचार की कमी से लू
बोकारो के जेनरल फिजिशियन डॉक्टर रणधीर सिंह ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ ही शरीर का तापमान बढ़ जाता है. इससे शरीर में खनिज लवणों के साथ ही पानी की कमी हो जाती है. इसके कारण लाल रक्त कणिकाएं रक्त वाहिनियों में टूट जाती हैं. ऐसे में रक्त संचार में कमी आती है. प्राथमिक व समुचित उपचार की कमी से लू व तापघात के रोगी की मौत हो सकती है.
बोकारो का ये रहा तापमान
दिनांक न्यनूतम अधिकतम
25 मार्च 23 36
26 मार्च 25 39
27 मार्च 23 39
28 मार्च 20 40
29 मार्च 20 41
30 मार्च 19 40
बोकारो का ये रहेगा तापमान
दिनांक न्यनूतम अधिकतम
31 मार्च 20 40
01 अप्रैल 20 42
02 अप्रैल 21 40
03 अप्रैल 19 41
04 अप्रैल 22 42
05 अप्रैल 23 44
लू लगने के ये है लक्षण
– सिर का भारीपन व सिरदर्द
– अधिक प्यास लगना
– शरीर में भारीपन के साथ थकावट
– जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना
– पसीना आना बंद होना
– मुंह लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना
– बेहोशी जैसी स्थिति का होना
लू से बचाव पर ये है उपाय
– लू तापघात से प्राय: कुपोषित बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलाऐं, श्रमिक और ज्यादा देर सूरज की रोशनी में रहने वाले शीघ्र प्रभावित होते हैं
– ऐसे में सुबह 10 से शाम 6 बजे तक तेज गर्मी से बचाने के लिए छायादार ठंडे स्थान पर रहे
– तेज धूप मे ना निकले, यदि निकलना आवश्यक हो तो ताजा भोजन करके उचित मात्रा में ठंडे जल का सेवन करके बाहर निकले
– थोड़े-थोड़े अन्तराल में ठंडे पानी, शीतल पेय, छाछ, ताजा फलों के रस का सेवन करते रहे
– तेज धूप में बाहर निकलने पर छाते का उपयोग करें या कपडे से सिर, मुंह व बदन को ढंककर रखें
लू लगने पर प्राथमिक उपचार
– लू तापघात से प्रभावित रोगी को तुरंत छायादार ठंडे स्थान पर लिटा दें
– रोगी के कपडों को ढीला कर दें तथा उसकी त्वचा को गीले कपड़े से स्पंज करते रहें
– रोगी होश में हो तो उसे ठन्डा पेय पदार्थ दें
– रोगी को यदि बेहोशी आ जाए तो पानी के छींटे डालकर ठंडा पिलाएं
– हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के लिए लेकर जाएं
लू से बचने के लिए क्या करें क्या ना करें
– जहां तक संभव हो घर में ही रहें
– हर हाल में सूर्य के सीधे सम्पर्क से बचें
– संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें
– घर से बाहर अपने शरीर को कपडे या टोपी से ढक़ कर रखें
– खिड़कियों को दरवाजे, परदे ढक कर रखे, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके
– बच्चों को कभी भी बन्द वाहन में अकेला ना छोड़ें
– मादक पेय पदार्थों का सेवन ना करें
रिपोर्ट: सुनील तिवारी