14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lockdown Effect : मुबंई से 13 दिन में 1800 किमी साइकिल चलाकर कसमार पहुंचा युवक, जांच के बाद भेजा गया क्वारेंटाइन सेंटर

दुर्गापुर गांव के परसाटोला निवासी रवींद्र नाथ महतो (20 वर्ष) 13 दिनों तक मुंबई से 1800 किमी का सफर साइकिल से तय कर बुधवार को कसमार प्रखंड अंतर्गत अपना गांव पहुंच गया. गांव आने के बाद चिकित्सकीय जांच के बाद उसे क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है.

कसमार (बोकारो) : कोरोना वायरस के संक्रमण एवं लॉकडाउन ने घर-गांव व अपनी मिट्टी के प्रति ऐसी तड़प पैदा कर दी है कि लोग सैकड़ों मील का फासला तय कर दूसरे राज्यों व महानगरों से पैदल या साइकिल के सहारे पहुंचने लगे हैं. कसमार में यह सिलसिला लगातार जारी है. इसी क्रम में प्रखंड अंतर्गत दुर्गापुर गांव के परसाटोला निवासी रवींद्र नाथ महतो (20 वर्ष) 13 दिनों तक मुंबई से 1800 किमी का सफर साइकिल से तय कर बुधवार को कसमार प्रखंड अंतर्गत अपना गांव पहुंच गया. गांव आने के बाद चिकित्सकीय जांच के बाद उसे क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है. पढ़िए दीपक सवाल की रिपोर्ट.

1800 किमी का सफर कर मुंबई से बोकारो के कसमार पहुंचे रवींद्र नाथ महतो का कहना है कि वह मुंबई में मजदूरी करता था. लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया. इतने दिनों तक वहां फंसने के बाद उसके समक्ष कई तरह की समस्या उत्पन्न हो गयी. किसी भी हाल में घर आना जरूरी समझा. बस और रेल सेवा बंद होने और कोई दूसरा उपाय नहीं देखकर उन्होंने साइकिल से घर जाने की योजना बनायी. मुंबई में उसने एक साइकिल खरीदी और उसमें अपना सारा सामान डालकर 1 मई को वहां से चल पड़ा.

Also Read: व्हाटसअप ग्रुप से जुगाड़ होता है खून, थैलेसिमिया व सिकलसेल के मरीजों के लिए 24 घंटे खून की व्यवस्था

रवींद्र ने बताया कि उसने सिर्फ रायपुर छत्तीसगढ़ में एक ट्रक पर सवार होकर करीब 200 किमी तय किया था. उसके बाद पूरा सफर (करीब 1600 किमी) साइकिल से तय किया. उस ट्रक वाले ने पलामू में लाकर उतारा था. बताया कि उसके साथ दूसरे जिलों के चार अन्य लोग थे. रास्ते में कहीं रूक कर भोजन मांगने पर मिल जाता था. इस तरह 1800 किमी का सफर तय कर किसी तरह अपना गांव पहुंचा. गांव पहुंचने पर लोगों ने उसे चिकित्सकीय जांच के लिए कहा. उसने अपनी जांच करायी. बाद उसे क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है.

Also Read: कोयंबटूर से 1140 प्रवासी व अन्य लोगों को लेकर बोकारो पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, जांच के बाद 55 बसों से किया रवाना

रवींद्र कहता है कि भले की क्वारेंटाइन सेंटर में है, लेकिन खुशी इस बात की है कि गांव के पास है. सबकुछ ठीक रहा, तो कुछ दिन बाद वो अपने घर में रहेगा. अपने परिवार के बीच रहेगा. अब कोशिश होगी कि किसी तरह अपने राज्य में ही काम मिले, जिससे पलायन करने को मजबूर नहीं होना होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें