Jharkhand News: झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में मनरेगा (mgnrega yojna) के तहत संचालित योजनाओं में कार्य कर चुके मजदूरों को पिछले दो माह से मजदूरी नहीं मिल पा रही है. इस मद में लगभग ढाई करोड़ रूपए से अधिक की मजदूरी बकाया है. इससे मनरेगा कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. मजदूरी के अभाव में मजदूर दूसरे कार्य करने पर विवश हैं. इधर, अधिकारियों की मानें, तो हफ्तेभर में इनके खाते में मजदूरी का भुगतान कर दिया जायेगा.
आपको बता दें कि बोकारो के गोमिया प्रखंड में 36 पंचायतें हैं. सभी पंचायतों में मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिये रोजगार का सृजन करने को लेकर डोभा, टीसीबी, आम बागवानी, आंगनबाड़ी केन्द्र, खेल का मैदान समेत अन्य निर्माण कार्य संचालित हैं. इन कार्यों में कार्यरत मजदूरों को दो माह से मजदूरी नहीं मिली है. इससे मनरेगा (mgnrega jharkhand) कार्य पर असर पड़ रहा है.
रोजगार सेवकों का कहना है कि एक तरफ सभी पंचायतों में मनरेगा (mgnrega status) से रोजगार से लोगों को जोड़ने के लिए विभाग के द्वारा श्रम शक्ति बढ़ाने के लिये टारगेट निर्धारित किया गया है. उसी के अनुरूप लोगों को योजना पर काम दिया जारहा है. वहीं काम पर लगे मजदूरों को मजदूरी समय पर नहीं मिलने से मजदूर काम छोड़ कर दूसरी जगह कार्य करने विवश हैं.
मजदूरों का कहना है कि हर सप्ताह मजदूरी नहीं मिलने से परिवार चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दो माह से मजदूरों को मनरेगा (mgnrega payment) मजदूरी नहीं मिलने पर बीपीओ पवन कुमार गुप्ता ने कहा कि मजदूरों की मजदूरी बकाया रहने से योजना पर प्रतिकूल असर तो पड़ रहा है. इस सबंध में जिले के सबंधित पदाधिकारी को सूचना दे दी गयी है. एक सप्ताह में इस समस्या का समाधान हो जायेगा.
रिपोर्ट : नागेश्वर