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झारखंड : बोकारो जिले में एक भी बालू घाट वैध नहीं, धड़ल्ले से हो रहा उठाव, नहीं लग रही रोक

झारखंड में नदियों से बालू उठाव पर रोक है, इसके बावजूद अवैध तरीके से बालू का उठाव धड़ल्ले से हो रहा है. बोकारो जिले में एक भी बालू घाट वैध नहीं है. इसके बाद भी बालू का उठाव हो रहा है. यह स्थिति तब है जब बालू उठाने पर एनजीटी की रोक लगी हुई है.

Jharkhand News: बोकारो जिले में एक भी बालू घाट वैध नहीं है. इसके बाद भी धड़ल्ले से बालू का उठाव हो रहा है और स्टॉक भी किया जा रहा है. यह स्थिति तब है जब बालू उठाने पर (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) एनजीटी की रोक लगी हुई है. दूसरी ओर, अगर घाट वैध होते तब भी फिलवक्त बालू का उठाव संभव नहीं है, क्योंकि बालू घाट की नीलामी की प्रक्रिया कागजों में ही चल रही है. इन सबके बावजूद हर दिन प्रशासन को ठेंगा दिखाकर लाखों रुपये का अवैध कारोबार किया जा रहा है.

दामोदर नद के आसपास अवैध रूप से स्टॉक यार्ड

शहर के सेक्टर 11 से सटे गांव भतुआ की बात करें, तो इस गांव से कुछ दूरी पर है दामोदर नदी (दामोदर नद). इसके आसपास के क्षेत्र को अवैध रूप से स्टॉक यार्ड बना दिया गया है. लगभग चार किलोमीटर एरिया में अवैध रूप से बालू का स्टॉक किया गया है. हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर नदी से बालू का उठाव कर रहे हैं. लाखों सीएफटी बालू का स्टॉक किया गया है. लोगों को यह सब नजारा साफ-साफ दिखता है, लेकिन विभाग व प्रशासन की नजर नहीं पड़ रही है.

कोई कुछ कहने को तैयार नहीं

इतने बड़े पैमाने पर स्टॉक देखने के बाद सवाल उठता है कि स्टॉक कब और कैसे किया गया. कौन लोग इस खेल में शामिल हैं. किसके शह पर यह सब हो रहा है. जब आसपास के लोगों से इस संबंध से जानने की कोशिश की गयी, तो कोई कुछ कहने को तैयार नहीं हुआ. यहां तक कि स्टॉक के पास से गुजरने वाले लोग ठहरना भी मुनासिब नहीं समझ रहे थे. सुबह-शाम ही नहीं दामोदर से बालू का उठाव दोपहर में भी हो रहा है. लेकिन, ना तो ट्रैक्टर चालक को डर है और ना ही बालू लोड़िंग के काम में लगे मजदूरों को. हैरत यह भी है कि बड़ी सफाई के साथ काम को अंजाम दिया जा रहा है. बालू चालने की भी व्यवस्था स्टॉक यार्ड में है.

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सुबह होती है डिलीवरी

भतुआ गांव के इलाके में स्टॉक यार्ड के पास काम पूरे दिन होता है. दर्जनों ट्रैक्टर, जेसीबी समेत अन्य मशीनरी से बालू उठाव, संग्रह, व्यवस्था का काम होता है. लेकिन, ग्राहकों तक बालू पहुंचाने का काम सुबह में होता है. ऐसा इसलिए ताकि लोगों को इसकी भनक नहीं लगे. जानकार बताते हैं कि सीधे तौर पर पुलिस की नजर में आने के बाद कार्रवाई का दबाव होता है. इससे बचने के लिए डिलीवरी सुबह में की जाती है.

ऐसे समझिए गणित

जानकारों की मानें, तो बालू का अवैध कारोबार जिला में कई साल से चल रहा है. वर्तमान में एनजीटी की रोक के कारण बालू का आवक कम हुआ है, लेकिन मांग पर कोई असर नहीं हुआ है. जानकारों ने बताया कि नदी से बालू उठाव व स्टॉक में प्रति ट्रैक्टर 500 रुपये का अधिकतम खर्च आता है, जबकि डिलीवरी में खर्च 800-1000 रुपये होता है. लेकिन बाजार में बालू प्रति ट्रैक्टर 3200-3500 रुपये मिल रहा है. यानी प्रति ट्रैक्टर 1700 से 2000 रुपये की बचत कारोबारियों को हो रही है. इस तरह एक दिन में हजारों ट्रैक्टर बालू की डिलेवरी हो रही है.

अवैध खनन करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई : इंस्पेक्टर

इस संबंध में डीएमओ कार्यालय के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार का कहना है कि विभाग की ओर से लगातार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. भतुआ गांव में बालू जमा करने की जानकारी मिली है. जल्द ही कार्रवाई की जायेगी. मौके पर मौजूद लोग व पड़ताल कर शामिल लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.

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अवैध बालू लदा ट्रैक्टर पकड़ाया

दूसरी ओर, बोकारो जिला अंतर्गत हरला थाना क्षेत्र में गुरुवार को खान विभाग की ओर से औचक छापेमारी की गयी. इस दाैरान बालू लदा ट्रैक्टर बिना परिवहन चालान के भतुआ चौक के पास से पकड़ा गया. इसे जब्त कर हरला थाना को सौंप दिया गया. जांच के दौरान खान निरीक्षक जितेंद्र कुमार ने पाया कि भतुआ गांव के निकट विभिन्न जगहों पर बालू जमा किया गया है. बालू लगभग 51,600 घनफीट है. इस मामले में थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. अभियान में पुलिस अवर निरीक्षक प्रवीण होरो सहित पुलिस के जवान शामिल थे.

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