बेरमो (बोकारो). झारखंड के बोकारो जिले के बेरमो के जरीडीह बाजार में कपड़े की सिलाई करने वाले मास्टर मो अजीज पिछले 40 साल से रामनवमी पर्व के लिए महावीरी पताका बनाते आ रहे हैं. उम्र भी 70 पार हो गयी, परंतु अभी तक काम पर असर नहीं पड़ने दिया. काम में 36 वर्षीय मो नौशाद भी अपने पिता का बखूबी साथ देते हैं. पिता-पुत्र ऐसा कर मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना और एक-दूसरे के पर्व-त्योहारों में बढ़-चढ़कर भाग लेने का संदेश दे रहे हैं. इस बार 40 फीट के कई झंडे बनाए गए हैं.
आंतरिक खुशी की अनुभूति
मास्टर मो अजीज का कहना है कि हिंदू धर्म के सभी भगवानों का वस्त्र बनाता आ रहा हूं. श्रीराम नवमी के मौके पर बजरंग बली का झंडा, चुनरी एवं मुहर्रम का झंडा भी बनाता हूं और इस काम में आंतरिक खुशी की अनुभूति होती है.
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एक माह से करते है तैयारी
रामनवमी के एक माह पहले से ही झंडा बनाने में पिता-पुत्र दोनों जुट जाते जाते हैं. मास्टर मो अजीज का कहना है कि बेरमो में झंडा बनाने की शुरुआत उनके द्वारा ही की गयी है. इसके बाद बोकारो थर्मल के मो जफर आलम सहित अन्य लोगों ने भी झंडा बनाना शुरू किया. बेरमो के अलावा नावाडीह, फुसरो, जरीडीह बाजार, कथारा, कुरपनिया, बोकारो थर्मल, गोमिया व ऊपरघाट के लोग भी यहीं से झंडा खरीदने आते हैं.
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40 फीट के कई झंडे
मास्टर मो अजीज ने बताया कि कोयलांचल के विभिन्न अखाड़ा समिति के लोग झंडा बनाने का ऑर्डर पूर्व से ही दे देते हैं. नवरात्र में मां की चुनरी तैयार करने का काम भी करते हैं. इस बार 40 फीट के कई झंडे बनाए गए हैं. एक माह पूर्व से ही सुबह नहा-धोकर अपनी दुकान खोलते हैं और झंडा सिलाई का काम करते हैं.