Jharkhand News: बोकारो जिला अंतर्गत बेरमो थाना क्षेत्र के ढोरी स्टाफ क्वार्टर निवासी लक्ष्मण सिंह के दामाद कोयला व्यवसायी रंजय सिंह का अपहरण होने का मामला प्रकाश में आने के बाद परिजनों समेत अन्य लोगों ने फुसरो बाजार स्थित अमजद हुसैन की जनता ऑयल मिल को घंटों घेरे रखा और सड़क जाम कर खूब हंगामा किया. आक्रोशित लोग जनता ऑयल मिल दुकान के मालिक से फुसरो निवासी मो अरशद उर्फ सोनू नामक युवक को घर से निकालने के लिए कह रहे थे. हालांकि, दुकानदार इस मामले से अपने आपको अलग बताते हुए बार-बार यह कह रहे थे कि सोनू से उसके किसी भी परिजन से कोई वास्ता नहीं है. मामले की जानकारी पाकर बेरमो पुलिस मौके पर पहुंची और सड़क जाम खत्म कराया.
सोनू ने थाने में किया सरेंडर
परिजन और आक्रोशितों लोगों का आरोप था कि सोनू समेत तीन युवकों ने ढोरी स्टाफ क्वार्टर निवासी लक्ष्मण सिंह के दामाद रंजय सिंह का अपहरण कर रखा है. दुकान के मालिक ने कहा कि सोनू घर में नहीं है. परिजनों का कहना था कि आपके पास सीसीटीवी कैमरा है वह दिखा दिजिए कि सोनू अभी घर गया है या नहीं. रंजय सिंह के परिजनों ने आरोप लगाया कि सोनू 15 मिनट पहले घर गया है. कई लोगों ने देखा भी है. काफी आक्रोश व्यक्त करने के बाद दुकान के मालिक ने सोनू को फोन किया और थाने में जाकर सरेंडर करने को कहा. जब लोगों के आक्रोश बढ़ा तो सोनू ने थाने में जाकर सरेंडर कर दिया. इसकी सूचना सोनू के परिजन ने घर से निकलकर दुकान में आकर लोगों को दी. इसके बाद सभी लोग थाने पहुंचे और वहां जाकर भी सोनू को दिखाने की मांग करने लगे. हालांकि, इस घटना में स्थानीय थाना प्रभारी ने सूझबूझ से काम करते हुए बड़ी घटना होने से बचा लिया है.
आसनसोल में हैं और सुरक्षित हैं : रंजय सिंह
इधर, थाने में ही रंजय के परिजनों का फोन आया कि वह आसनसोल में है और सुरक्षित है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि आक्रोशित लोगों को देखते हुए पुलिस के दबाव के कारण ही रंजय को करीब 24 घंटे के बाद छोड़ दिया गया. थाना परिसर में रंजय के ससुर लक्ष्मण सिंह और रंजय की पत्नी प्रियंका सिंह घटना को याद कर बार-बार बेहोश हो जा रहे थे. उसके परिजन बार-बार कह रहे थे कि किसी तरह से हमारे दामाद और पति को वापस लाया जाए. मामले की जानकारी पाकर बेरमो एसडीएम अनंत कुमार भी पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली.
किसी ने अपहरण नहीं किया, दबाव बनाने से थे तनाव में : रंजय सिंह
वहीं, रंजय सिंह ने थाना में पहुंचकर पुलिस को लिखित जानकारी देते हुए बताया कि वह अपने निजी काम से धनबाद गया हुआ था. उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था. मोबाइल का सिम खराब हो जाने के कारण परिवार वालों को जानकारी नहीं दे सका था. कहा कि सोनू के साथ कोयला खरीदी-बिक्री के लेन-देन को लेकर मामला हुआ था. डिहरी मंडी में कोयला बिक्री के बाद पार्टी द्वारा पेमेंट का भुगतान नहीं करने पर मुझ पर पेमेंट के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जिससे वह काफी तनाव में थे.
पेमेंट की मांग कर रहा था, किडनैपिंग का आरोप निराधार : सोनू
इधर, सोनू ने बताया कि रंजय के साथ उसकी कोई रंजिश नहीं है. रंजय ने 15 दिन पूर्व डिहरी मंडी में एक व्यक्ति का 10 लाख का कोयला बेचा था. जिसका पेमेंट नहीं करने पर दूसरे पार्टी द्वारा उस पर पेमेंट भुगतान के लिए दबाव बना रहा था. वह रंजय से कोयला की पेमेंट की मांग कर रहा था. रंजय का मोबाइल ऑफ रहने के कारण शनिवार की देर शाम को उसके आवास पर भी खोजने गये थे. लेकिन, उसका कहीं भी पता नहीं चल सका. कहा कि रंजय का किडनैपिंग का लगाया गया आरोप निराधार है.
किडनैपिंग नहीं, कोयला के लेन-देन से जुड़ा है मामला : इंस्पेक्टर
इस संबंध में बेरमो थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि रंजय से पूछताछ की गयी है. उसने अपने मर्जी से धनबाद जाने की बात स्वीकार की है. किडनैपिंग का कोई भी मामला नहीं है. दोनों के बीच कोयला से जुड़ा लेनदेन का मामला है. मामले पड़ताल की जा रही है.