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झारखंड में बढ़ी ठंड, जवाहर लाल नेहरू जैविक उद्यान में अजगर के लिए स्पेशल रजाई, तो टाइगर के बाड़े में है हीटर, पढ़िए क्या है पूरी व्यवस्था

बोकारो (सुनील तिवारी) : पारा गिरने के साथ ही बोकारो के जवाहर लाल नेहरू जैविक उद्यान में पशु-पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. पाइथन, बर्ड, मंकी, अजगर व हिरण के बाड़े में पुआल की सेज बनायी गयी है, टाइगर व लेपर्ड के बाड़े में हीटर लगाया गया है. सोने के लिये लकड़ी का तख्ता लगाया गया हे. भालू को खाने में शहद दिया जा रहा है. शाकाहारी जानवरों को महुआ का सूखा फूल, सोयाबीन, चना चोकर का मिश्रण व विटामिन खिलाया जा रहा है. मांसाहारी जानवरों को भरपेट खाना दिया जा रहा है. जानवरों को अधिक से अधिक बाड़े के बाहर धूप में रखने का प्रयास किया जा रहा है.

बोकारो (सुनील तिवारी) : पारा गिरने के साथ ही बोकारो के जवाहर लाल नेहरू जैविक उद्यान में पशु-पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. पाइथन, बर्ड, मंकी, अजगर व हिरण के बाड़े में पुआल की सेज बनायी गयी है, टाइगर व लेपर्ड के बाड़े में हीटर लगाया गया है. सोने के लिये लकड़ी का तख्ता लगाया गया हे. भालू को खाने में शहद दिया जा रहा है. शाकाहारी जानवरों को महुआ का सूखा फूल, सोयाबीन, चना चोकर का मिश्रण व विटामिन खिलाया जा रहा है. मांसाहारी जानवरों को भरपेट खाना दिया जा रहा है. जानवरों को अधिक से अधिक बाड़े के बाहर धूप में रखने का प्रयास किया जा रहा है.

सेक्टर-04 स्थित जवाहर लाल नेहरू जैविक उद्यान में पशु-पक्षियों को ठंड से बचाने के लिये तरह-तरह के जतन किये जा रहे हैं. 20 नवंबर को दोपहर में हुई झमाझम बारिश के बाद आसमान साफ होते ही बोकारो का पारा लुढ़कने लगा है. इससे मौसम में धीरे-धीरे ठंडक घुलने लगी है. रविवार को बोकारो का अधिकतम तापमान 26 व न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सीयस रहा. बोकारो का पारा लुढ़कने के साथ ही ठंड से बचने के लिए उपाय शुरू हो गया है.

पारा लुढ़कने के साथ ही ठंड का असर हर जीव पर होने लगा है. ऐसी स्थिति में जैविक उद्यान-सेक्टर-04 के जानवरों को भी ठंड से बचाने के प्रयास शुरू हो गये हैं. पशु-पक्षियों के बाड़े के बाहर के पेड़ की डाली छांटी जा रही है, जिससे जानवरों को गुनगुनी धूप आसानी से मिल सके. जानवरों को रात के समय बाड़े के अंदर रखा जा रहा है. सुबह धूप होने के बाद ही बाहर निकाला जा रहा है. इसके साथ ही जानवरों की हर गतिविधि पर सतर्कता के साथ नजर रखी जा रही है.

जैविक उद्यान प्रबंधन की मानें तो ठंड की दस्तक के बाद इतना उपाय काफी है. जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जायेगी, वैसे-वैसे जानवरों को ठंड से बचाने के लिये अलाव सहित और भी व्यवस्था की जायेगी. इसकी तैयारी उद्यान प्रबंधन ने कर ली है. रंग-बिरंगे पक्षियों के पिंजरे में ठंड से बचाव के उपाय किये गये हैं. हीटर, बल्ब, घास व लकड़ी के बूरादे का सहारा भी लिया गया है, ताकि उन्हें गर्मी मिलती रहे. पिंजरों को रात में ढंक दिया जा रहा है, ताकि ठंडी हवा न लगे.

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ठंड से बचने के लिये किये जा रहे जतन

– जानवरों को गर्माहट देने के लिए उनके बाड़े में हिटर लगाये गये हैं

– जानवरों के बाड़े के खिड़की व दरवाजे पर बोरा के पर्दे लगाये गये हैं

– पेड़ों की छंटाई की जा रही है, ताकि जानवरों को धूप पूरी तरह से मिले

– कृत्रिम के साथ प्राकृतिक उपाय भी किये जा रहे है ताकि जानवरों को ठंड न लगे

– जानवरों को ठंड के मौसम वाली नर्म धूप बेहद पसंद होती है, इसका उपाय किया जा रहा है

– हिरण के बाड़े में लकड़ी इकट्ठा की गयी है, ताकि अलाव जल सके. उन्हें आग के पास बैठना पसंद होता है

– जानवरों व पशु-पक्षियों को बहुत तरह के विटामिन्स खाने के साथ दिये जा रहे हैं

यूं गिरता गया बोकारो का तापमान

दिनांक अधिकतम न्यूनतम आसमान

15.11.20 33 20 साफ

16.11.20 33 18 साफ

17.11.20 32 17 साफ

18.11.20 31 16 बादल

19.11.20 33 15 बादल

20.11.20 33 13 बारिश

21.11.20 32 13 साफ

22.11.20 26 12 साफ

23.11.20 26 11 साफ

24.11.20 27 11 बादल

25.11.20 27 13 बादल

26.11.20 26 18 बादल

27.11.20 24 16 बारिश

28.11.20 27 19 साफ

29.11.20 28 13 साफ

30.11.20 28 13 साफ

Posted By : Guru Swarup Mishra

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