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पेंशन के लिए BSL के किन कर्मचारियों को कितना पैसा करना है जमा ? इस पर चल रहा काम

जिन लोगों को इस स्कीम में शामिल करने का निर्णय ईपीएफओ लेगा, उन्हें अपने हिस्से की रकम जमा करने और जॉइंट ऑप्शन का फॉर्म भरने के बाद नई पेंशन चालू हो जायेगा. अगले 2 या 3 माह के अंदर बढ़ी हुई पेंशन का बकाया भुगतान भी मिल जायेगा.

Bokaro News: ईपीएस-95 से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अभी ईपीएफओ (EPFO) हेड ऑफिस दिल्ली के सर्कुलर का इंतजार संगठन कर रहा है. बीएसएल (BSL) के किन कर्मचारियों को कितना पैसा जमा करना है, इस पर काम चल रहा है. क्योंकि जो भी कर्मचारी अंतिम वेतन के 12 माह या 60 माह ( जो सितंबर 2014 में या उसके बाद रिटायर्ड हुए है और अभी भी सेवा में हैं ) का ऑप्शन भरेंगे, उनको 16.11.95 के बाद से अपने हिस्से का 8.33% को पेंशन फंड में जमा करना होगा. इस रकम में समय-समय पर उस रकम पर जो ब्याज मिला था, उसे भी इसमें जमा करना होगा. ये बातें फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड सेल इंप्लाइज-फोर्स के महामंत्री राम आगर सिंह ने रविवार को कही.

निधन के बाद विधवा को मिल रही राशि का 50% मिलता रहेगा

राम सिंह ने कहा कि जिन लोगों को इस स्कीम में शामिल करने का निर्णय ईपीएफओ लेगा, उन्हें अपने हिस्से की रकम जमा करने और जॉइंट ऑप्शन का फॉर्म भरने के बाद नई पेंशन चालू हो जायेगा. अगले 2 या 3 माह के अंदर बढ़ी हुई पेंशन का बकाया भुगतान भी मिल जायेगा, जो जमा की गई रकम की भरपाई करने में अधिकतर लोगों के लिये समर्थ होगी. पूंजी वापसी का विकल्प अभी सरकार ने बंद कर दी है. कर्मचारियों के निधन के बाद उनकी विधवा को मिल रही राशि का 50% मिलता रहेगा, जब तक वो जिंदा रहेंगी. जो कर्मचारी सितंबर 2014 के पहले सेवानिवृत्त हो गये हैं. उनपर कुछ संशय अभी बना हुआ है.

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2014 के संदर्भ में ऑप्शन की चर्चा कर कुछ संशय की स्थिति

वैसे आरसी गुप्ता के मामले में 2016 में जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 2 सदस्यीय बेंच ने अपने निर्णय में सबों को ऑप्शन देने का निर्णय दिया है. 4 नवंबर को सुप्रीम की 3 सदस्यों वाली पीठ, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस यूयू ललित कर रहे थे, ने भी 2016 के फैसले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है. लेकिन, उसमें नीचे लिखे 2014 के संदर्भ में ऑप्शन की चर्चा कर कुछ संशय की स्थिति बना दी है. उस संदर्भ में फोर्स की, जो सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सबसे बड़ा ग्रुप है, कि समझ है कि अभी ईपीएफओ के सर्कुलर का इंतजार किया जाय. अगर 2014 वाले कर्मचारियों को इस पेंशन लाभ से वंचित किया गया, तो फोर्स सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन डालेंगी. इसके लिए फोर्स अपने विद्वान वकीलों से निरंतर संपर्क में है.

किसी व्हाट्सएप न्यूज पर कोई ध्यान देने की जरूरत नहीं

सिंह ने कहा कि फॉर्म आने के बाद जो प्रोविडेंट फंड ऑफिस दिल्ली से आयेगा. जिसके बाद बीएसएल के कार्मिक विभाग सभी को सूचित करने की व्यवस्था करेगा. फोर्स इसको प्रचारित व प्रसारित करने में सक्रिय भूमिका निभायेगी. जैसा इसने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लड़ने में निभायी है. इसलिये किसी कर्मी को किसी व्हाट्सएप न्यूज पर कोई ध्यान देने की जरूरत नहीं है. ईपीएस-95 को लेकर फोर्स सेल-बीएसएल कर्मियों को जागरूक करता रहेगा.

रिपोर्ट : सुनील तिवारी, बोकारो

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