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Jharkhand News: झारखंड के साहित्यकार शिरोमणि महतो के करमजला उपन्यास पर दो विश्वविद्यालयों में रिसर्च

Jharkhand News : बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के चर्चित साहित्यकार सह शिक्षक शिरोमणि महतो के उपन्यास ‘करमजला’ इन दिनों फिर चर्चा में है. इस उपन्यास पर दो विश्वविद्यालयों में एमए हिंदी की उपाधि के लिए लघु शोध की जा रही है. ‘करमजला’ उपन्यास वर्ष 2018 में प्रकाशित किया गया था.

Jharkhand News : बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के चर्चित साहित्यकार सह शिक्षक शिरोमणि महतो के उपन्यास ‘करमजला’ इन दिनों फिर चर्चा में है. इस उपन्यास पर दो विश्वविद्यालयों में एमए हिंदी की उपाधि के लिए लघु शोध की जा रही है. रीमा देवी वीमेंस विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर की छात्रा स्मृति रेखा प्रधान और वर्दमान यूनिवर्सिटी की छात्रा साधना कुमारी ने ‘करमजला’ पर अपनी लघु शोध प्रस्तुत की है.

2018 में करमजला उपन्यास का हुआ था प्रकाशन

आपको बताते चलें कि साहित्यकार शिरोमणि महतो का ‘करमजला’ उपन्यास वर्ष 2018 में अनुज्ञा बुक्स दिल्ली से प्रकाशित किया गया था. प्रख्यात चिंतक वीर भारत तलवार, परिकथा के संपादक शंकर, टीवी पत्रकार नीसांथु रंजन जैसे विद्वानों ने इसकी सराहना की थी. शिरोमणि महतो की अब तक आधा दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिसमें भात का भूगोल, करमजला, चांद से पानी एवं झारखंड की समकालीन कविता की चर्चा प्रकाशित हो चुकी है.

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शिरोमणि महतो को मिल चुके हैं कई सम्मान

उत्कृष्ट लेखन के लिए शिरोमणि महतो को वर्ष 2010 में डॉ रामबली परवाना स्मृति सम्मान, वर्ष 2015 में नागार्जुन स्मृति राष्ट्रीय सम्मान, वर्ष 2017 में बिहार साव्यसाची सम्मान इलाहाबाद एवं वर्ष 2018 में परिवर्तन लिटरेचर्स अवार्ड नयी दिल्ली से सम्मानित किया जा चुका है. इस उपलब्धि के लिए सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, प्रमुख पूनम देवी, मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष विश्वनाथ महतो, पूर्व प्रमुख मोहन महतो, डिग्री कॉलेज के प्राचार्य चंद्रिका प्रसाद महतो, देवी महाविद्यालय के प्राचार्य दिनेश बरनवाल, भूषण उच्च विद्यालय के पूर्व प्राचार्य सुनील सुमन, अखिलेश सिंह, बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजीव रंजन, मध्य विद्यालय नावाडीह के एचएम खेमलाल महतो, साहित्यकार नीरज नीर, मिलोटपर रमेश, प्रह्लादचंद दास, बासुबिहारी महतो आदि से हर्ष व्यक्त करते हुए साहित्यकार सह शिक्षक शिरोमणि महतो को बधाई दी है.

बोकारो के हैं साहित्यकार शिरोमणि महतो

नावाडीह निवासी साहित्यकार शिरोमणि महतो ने कथादेश, हंस, कादम्बिनी, पाखी, नया ज्ञानोदय, वागर्थ, आजकल, परिकथा, तहलका, समकालीन भारतीय साहित्य, द पब्लिक एजेंडा, परिंदे, यथावत, सूत्र, सर्वनाम, जनपथ, युद्धरत आम आदमी, शब्दयोग, अक्षर पर्व, लमही, प्रसंग, नई धारा, पाठ, सूत्र, बहुमत, अनहद, अंतिम जन, कौशिकी सहित दैनिक अखबार प्रभात खबर एवं अन्य दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं. श्री महतो की वर्ष 1993 में धूल में फूल (बाल कविता संग्रह), 1996 में पतझड़ का फूल (काव्य पुस्तिका), 2000 में उपेक्षिता (उपन्यास), 2007 में कभी अकेले नहीं (कविता संग्रह), 2009 में संकेत तीन (कवितओं पर केंद्रित पत्रिका), 2012 में भात का भूगोल(कविता संग्रह), 2018 में करमजला (उपन्यास) एवं चांद से पानी (कविता संग्रह) झारखंड की समकालीन कविता (संपादन) 2021 में, समकाल की आवाज (चयनित कविताएं ) 2022 में प्रकाशित हो चुकी हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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