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72 Hoorain को लेकर चल रहे विवाद पर अशोक पंडित ने तोड़ी चुप्पी, कहा- तो धर्म बीच में कैसे…

72 हूरें को लेकर लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है. फिल्म 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए पूरी तरह तैयार है. अब विवादों पर निर्माता अशोक पंडित ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि ये फिल्म आतंकवाद के खिलाफ है.

संजय पूरन सिंह चौहान की ओर से निर्देशित और अशोक पंडित द्वारा सह-निर्मित 72 हुरें का भी ‘द केरल स्टोरी’ जैसा ही हश्र हुआ है. आलोचकों ने फिल्म के धार्मिक उद्देश्यों और आतंकवाद पर सवाल उठाये हैं. हालांकि अशोक पंडित लगातार कह रहे हैं कि 72 हुरें आतंकवाद के खिलाफ एक फिल्म है. बीते दिनों जेएनयू में इसकी स्क्रनिंग हुई, जिसके बाद उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा.’ फिल्म, 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है.

72 हुरें विवाद पर अशोक पंडित

इंडिया टुडे के साथ बातचीत में, अशोक पंडित ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे पहले से स्थापित बातें किसी एक फिल्म के लिए परेशानी लाते हैं. उन्होंने कहा, ”पिछले कई सालों से हम सुनते आ रहे हैं कि देश के तथाकथित बुद्धिजीवियों, सेक्युलरिस्टों, ओपिनियन मेकर्स ने एक नैरेटिव सेट कर दिया है, जहां आप कुछ भी अलग बात करेंगे, कुछ भी जो उनके नैरेटिव के अनुरूप नहीं होगा, वे बैन करने की मांग करेंगे. ऐसी फिल्में धर्म को लक्ष्य करती हैं. वे फिल्म की पूरी गंभीरता को धर्म की ओर मोड़ देते हैं, ताकि यह सब फालतू लगे.”

अशोक पंडित का दावा, 72 हूरें आतंकवाद से लड़ती हैं

72 हुरें जैसी फिल्म बनाने के अपने मुख्य उद्देश्य के बारे में बोलते हुए, अशोक पंडित ने खुलासा किया कि यह आतंकवाद से लड़ना था. निर्माता ने कहा कि निर्देशक और अभिनेता पवन मल्होत्रा सहित फिल्म की टीम आतंकवाद के दुष्प्रभावों को फिल्म में चित्रित करना चाहती थी, लेकिन उनके विचारों का गलत मतलब निकाला गया.

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अशोक पंडित ने आतंकवाद को एक बीमारी बताया

अशोक पंडित ने कहा, “ऐसा कहा जाता है कि आतंकवाद पूरी दुनिया, मानव जाति और मानवता के लिए कैंसर है. तो संजय ने अपनी रचनात्मक लोगों की टीम के साथ मिलकर आतंकवाद के प्रभाव को उजागर किया है कि कैसे युवाओं को गुमराह किया जाता है और झूठ बोला जाता है कि यदि आप कोई विस्फोट करेंगे, लोगों को मारेंगे, अराजकता फैलाएंगे या नरसंहार करेंगे, तो आपको जन्नत और हुरें (देवदूत) मिलेंगी. जब हम कह रहे हैं कि हम आतंकवाद के खिलाफ फिल्म बना रहे हैं, हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो धर्म बीच में कैसे आ गया?”

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