फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अपनी फिल्म ’72 हुरें’ की विशेष स्क्रीनिंग के बारे में बात की. फिल्म की स्क्रीनिंग 4 जुलाई को शाम 4 बजे जेएनयू में होगी. इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, अशोक पंडित ने साझा किया कि वे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में फिल्म दिखाने की योजना बना रहे हैं क्योंकि यह समय की मांग है. उन्होंने कहा, ‘हम सबको मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा.’ फिल्म, ’72 हुरें 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है, इसका निर्देशन संजय पूरन सिंह चौहान ने किया है, इसका निर्माण गुलाब सिंह तंवर, किरण डागर, अनिरुद्ध तंवर ने किया है और सह-निर्माता अशोक पंडित हैं.
वैसे जेएनयू विश्वविद्यालय का इतिहास बताता है कि जब भी वास्तविक जीवन पर आधारित सशक्त फिल्मों का प्रदर्शन जेएनयू परिसर में किया गया है, तब-तब किसी ना किसी तरह का कोई विवाद जरूर खड़ा हुआ है. ऐसे में विश्वविद्यालय परिसर में ’72 हूरें’ के प्रदर्शन से मामला पहले की तरह पेचीदा साबित हो सकता है. इससे पहले वहां पर वास्तविक घटनाओं पर आधारित फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद की घटनाओं ने लोगों की राय को बांटने का काम किया और अक्सर ऐसी स्क्रीनिंग के बाद लोगों का आक्रामक रवैया देखने को मिला है. इसके सबके बावजूद ’72 हूरें’ के मेकर्स ने 4 जुलाई को जेएनयू परिसर में फ़िल्म के प्रदर्शित किये जाने का ऐलान कर दिया है.
इस बीच, कश्मीर स्थित कुछ राजनीतिक दलों ने फिल्म में दिखाए गये आतंकवादियों को मानसिक रूप से बरगलाने के दृश्यों पर गहरी आपत्ति जताई है. इन राजनीतिक दलों का कहना है कि फिल्म में पेश की गईं इस तरह की नकारात्मक बातों से धर्म विशेष को लेकर लोगों में गलत संदेश जाएगा और इससे सामाजिक ताने-बाने को उलटा असर पड़ेगा. इन राजनीतिक दलों को इस बात का भय है कि फ़िल्म के माध्यम से उनके धर्म को अनुचित ढंग से बड़े पर्दे पर पेश किया जाएगा. यही वजह है कि ये सभी पार्टियां फ़िल्म की रिलीज़ में अवरोध पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं हैं.
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जेएनयू में फिल्म ’72 हूरें’ की स्पेशल स्क्रीनिंग के संदर्भ में मेकर्स का कहना है कि फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग कश्मीरी मुसलमानों और अन्य छात्रों के लिए एक ऐसा सुनहरा मौका है, जो फ़िल्म में दिखाई गईं आतंकवादी घटनाओं की सच्चाइयों को लेकर उन्हें ख़ुद को अभिव्यक्त करने का अच्छा अवसर प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए विवादों के विपरीत फ़िल्म की जल्द होने जा रही स्क्रिनिंग को आतंकवाद जैसे गंभीर मसले को खुले तौर पर संवाद का एक बेहतरीन ज़रिया समझा जाना चाहिए और मामले को संजीदा ढंग से समझने की कोशिश होनी चाहिए. बता दें कि ’72 हूरें’ 7 जुलाई, 2023 को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी. फिल्म का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त निर्देशक संजय पूरण सिंह चौहान ने किया है.