अपने हर किरदार से दर्शकों को प्रभावित करने वाले अभिनेता राजकुमार राव जल्द ही ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर फ़िल्म मोनिका ओ माय डार्लिंग में नज़र आने वाले हैं.वह इस फ़िल्म को अलहदा कॉमेडी करार देते हैं. उनकी इस फ़िल्म और कैरियर पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत…
मोनिका ओ माय डार्लिंग को हां कहने की वजह क्या थी?
मुझे ना कहने की कोई वजह नहीं दिखी.जबरदस्त स्क्रिप्ट,नेटफ्लिक्स साथ में है.निर्देशक श्रीराम राघवन भी इस फ़िल्म से जुड़े हैं.बहुत अलग तरह की कॉमेडी है.मुझे लगा कि मुझे ये करना चाहिए.स्क्रिप्ट को पढ़ने के तुरंत बाद ही मैंने फ़िल्म को हां कह दिया.
निर्देशक वासन बाला की पिछली फिल्में ज़्यादा कुछ कमाल नहीं कर पायी हैं,क्या लगा नहीं कि ये फ़िल्म एक रिस्क हो सकती है?
गुड़गाव में रहते हुए जब मैंने एक्टर बनने का फैसला किया. वह मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा रिस्क था.उसके आगे तो ये रिस्क कुछ नहीं है. इस बात को कहने के साथ मैं यह भी बताना चाहूंगा कि मैं अब फिल्में इमोशनल वजहों से नहीं बल्कि अपनी रुचि के अनुसार कर रहा हूं.अतीत में मैंने ऐसी गलतियां की हैं.जब मैंने दोस्ती खाते में फिल्में कर ली हैं.उन फिल्मों पर मुझे भरोसा नहीं था, लेकिन दोस्ती की वजह से कर ली.जो ना मेरे लिए अच्छा हुआ ना फिल्मों के लिए. जब आपको कहानी पर भरोसा नहीं रहता है,तो आप उसके साथ न्याय भी नहीं कर पाते हैं.
क्या फिल्में साइन करते हुए पैसे आपके लिए अहमियत नहीं रखते हैं?
मैं कभी भी पैसों के लिए फिल्में नहीं करता हूं.पैसों की समस्या ये है कि जितना भी मिले,वो आपको कम ही लगते हैं,तो अच्छा है कि काम पर फोकस करें. अच्छा काम करेंगे .पैसे खुद ब खुद आएंगे.
खबरें थी कि आपने अपनी फीस बढ़ा ली है?
मेरी फीस इस बात से तय होती है कि फ़िल्म कौन बना रहा है. फ़िल्म का बजट क्या है. फ़िल्म को बनाने के पीछे की मंशा क्या है. ये सब जानने के बाद ही मैं अपनी फीस तय करता हूं.
ये बातें सामने आ रही हैं कि टिकट खिड़की पर फिल्में अच्छा नहीं कर रही हैं, इसलिए एक्टर्स को अपनी फीस कम करनी चाहिए?
मैं उतना ज्यादा फीस लेता ही नहीं हूं, जो कम करूँ. जो लेते हैं,उन्हें बोलने वाला मैं कौन हूं.उन्हें निर्माता ही बोल सकते हैं.जिस दिन मैं निर्माता बनूंगा उस दिन अपने एक्टर्स को ज़रूर फीस कम लेने को कहूंगा. मुझे इसके अलावा लगता है कि सिनेमाघरों में टिकटों के दाम भी कम होने चाहिए.हाल ही जब टिकट 75 रुपये हुए थे,तो थिएटर में दर्शकों की भीड़ उमड़ गयी थी.
क्या आप जल्द ही निर्माता की जिम्मेदारी संभालने वाले हैं?
मेरा मन तो बहुत है कि मैं फिल्में प्रोड्यूस करूं.कब पता नहीं.बहुत अच्छे अच्छे आइडियाज आते हैं,लेकिन उनपर बैठकर मुझे राइटर्स से बात कर स्क्रिप्ट लिखवानी पड़ेगी.एक तो मेरे आइडियाज पर काम चल रहा है.कुछ स्क्रिप्ट राइटर दोस्त हैं,जो मेरी मदद कर रहे हैं,लेकिन ये कब होगा,मुझे पता नहीं है.
क्या आप निर्देशन में भी हाथ आजमाना चाहेंगे?
मेरे आसपास के सभी लोग मुझसे कहते हैं कि मैं अच्छा निर्देशक बनूंगा. ये तो आनेवाला भविष्य ही बताएगा. फिलहाल मैं एक्टिंग पर ही फोकस करना चाहता हूं.वैसे मैं अपनी फिल्मों के सेट पर घोस्ट एडी होता हूं. मैं सेट पर सिर्फ अपने बारे में नहीं पूरी फिल्म के बारे में सोचता हूं.
निर्देशक के तौर पर आप किस तरह की कहानियों पर फ़िल्म बनाएंगे?
मैं रिश्तों पर फ़िल्म बनाना चाहूंगा.जैसे अभिमान,सिलसिला,मैरिज स्टोरी,रिवोल्यूशनरी रोड जैसी फिल्में. रिश्ते मुझे बहुत अपील करते हैं.हम सबसे ज़्यादा इन्ही के आसपास घिरे होते हैं,पहले अपने माता-पिता को देखते हैं,उसके बाद दोस्तों और फिर खुद की ज़िंदगी में.
आपकी शादी को एक साल आगामी 15 नवंबर को होने हैं,शादी ने क्या बदलाव लाया है?
बहुत अच्छा रहा.शादी के तुरंत बाद हम काम पर लौट आए थे.वो अब तक चार फिल्में कर चुकी है औऱ मैं अपनी फिल्म भीड़ को लेकर मशरूफ था. हम बीते 11 साल से एक -दूसरे के साथ हैं .अब हमने शादी कर ली है.एक दूसरे के साथ हम खुश हैं. जहां तक बदलाव की बात है,तो ऐसा कुछ बदला नहीं है,हां एक तरह अधूरापन था,जो शादी के बाद पूरा हो गया है.
बिजी शूटिंग शेड्यूल के बीच एक दूसरे के लिए कैसे लिए समय निकालते हैं?
हम दोनों ही एक्टर हैं,इसलिए हम इस बात को समझते हैं कि हम हमेशा एक-दूसरे के साथ नहीं रह सकते हैं, लेकिन शुक्र है कि हमारी मौजूदा फिल्मों की ज़्यादातर शूटिंग मुम्बई में ही हुई ,तो हमने अपने -अपने शूट के बाद एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिताया है.
आप दोनों में से रोमांटिक कौन ज़्यादा है?
निश्चित तौर पर मैं, क्योंकि मैं शाहरुख खान की फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं.उसने भी देखी है,लेकिन मैंने घोल कर पी है.
आप की बंगाली भाषा कितनी अच्छी हो गयी है?
मुझे भाषा समझ आती है.बंगाली खाना मुझे बहुत पसंद है.वैसे पत्रलेखा शिलांग से है,तो वो जगह भी मुझे बहुत पसंद है.बहुत ही खूबसूरत,साफ -सुथरी जगह है.पहाड़ों की खूबसूरती ही अलग होती है.
पहली शादी की सालगिरह किस तरह से सेलिब्रेट करने वाले हैं?
हमने एक -दूसरे को ज़िन्दगी दे दी और हम क्या एक- दूसरे दे सकते हैं. सालगिरह को सेलिब्रेट करने की जहां तक बात है ,तो हम अपने काम से ब्रेक लेकर कहीं घूमने जा सकते हैं या फिर दोस्तों के साथ मिलकर मुम्बई में एक छोटा सा गेट टुगेदर कर लेंगे.
आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स
भीड़ है,उसके बाद राज और डीके की गन्स एंड गुलाब और मिस्टर एंड मिसेज माही है.मेरा ये नया लुक मिस्टर एंड मिसेज माही के लिए ही है. मैं बताना चाहूंगा कि इस फ़िल्म का महेंद्र सिंह धोनी से कोई लेना-देना नहीं है.