Flashback : अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) के लेखक पिता सलीम खान क्रिकेट के बहुत शौकीन रहे हैं. उन्हें क्रिकेट देखना ही नहीं बल्कि खेलना भी बहुत पसंद रहा है. अपने कॉलेज के दिनों में वे कॉलेज के चैंपियन हुआ करते थे. वे क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन किस्मत ने बॉलीवुड में पहुंचा दिया.
अपनी इस अधूरी ख्वाहिश को ये लेखक अपने बेटे सलमान खान के ज़रिए पूरा करना चाहते थे. वे चाहते थे कि जो वो ना कर पाए. वो उन बेटा करें. यही वजह है कि सलमान खान को भी वे क्रिकेटर बनना चाहते थे. बाकी दोनों बेटों के मुकाबले सलमान क्रिकेट में अच्छे थे इसलिए सलीम साहब को लगता था कि सलमान क्रिकेटर बन सकता है अगर उसे सही मार्गदर्शन मिले. यही वजह थी कि सलीम ने सलमान खान के कोच के तौर पर भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी को चुना था. सलीम दुर्रानी ने सलमान खान के क्रिकेट स्किल को देखते हुए कहा था कि सलमान का क्रिकेट में फ्यूचर ब्राइट है लेकिन सलमान खान की एक बुरी आदत ने सलमान खान का करियर क्रिकेट में नहीं बनने दिया.
प्रसिद्ध जर्नलिस्ट और सलमान के परिवार के करीब रहे अली पीटर जॉन ने अपनी बातचीत में बताया कि जैसा कि सभी को पता है कि सलमान को सुबह उठना पसंद नहीं है और सलीम दुर्रानी की कोचिंग सुबह साढ़े पांच बजे शुरू हो जाती थी. और सलमान के लिए उतनी सुबह पहुंचना मुश्किल हो जाता था. सिर्फ यही नहीं कोचिंग के बाद वे फिर सो जाते थे जिस वजह से वो अपने स्कूल में भी तय समय से आधे घंटे देर से पहुंचने लगा था. स्कूल से भी शिकायत आने लगी थी.
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इधर सलीम दुर्रानी को भी सलमान की लेट लतीफी पसंद नहीं आ रही थी. उनका कहना था कि स्पोर्ट्स मतलब अनुसाशन होता है. कुछ महीने की प्रैक्टिस के बाद सलमान की क्रिकेट कोचिंग छूट गयी. कुलमिलाकर अपनी लेट लतीफी की आदत की वजह से सलमान खान क्रिकेटर नहीं बन पाए,