शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘पठान’ का ट्रेलर आज रिलीज होनेवाला है. हाल ही में सीबीएफसी ने फिल्म के निर्माताओं से इसके गाने ‘बेशरम रंग’ में इस्तेमाल किए गए शॉट्स में बदलाव करने को कहा था. इसे लेकर गीतकार-लेखक जावेद अख्तर का कहना है कि निर्माताओं को ‘भरोसा’ करने की जरूरत है. फिल्म प्रमाणन निकाय जिसके पास यह तय करने का अधिकार है कि अंतिम कट क्या होगा और क्या नहीं होगा.
सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित हाई-ऑक्टेन स्पाई थ्रिलर “पठान” के गाने को लेकर खूब विवाद हुआ था. इसके कुछ सीन पर आपत्ति जताई गई थी. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को केंद्र सरकार के तहत एक “विभाग” के रूप में संदर्भित करते हुए 77 वर्षीय दिग्गज ने कहा कि “यह मेरे या आपके लिए नहीं है कि यह तय करें कि गीत सही है या गलत. यह हमारी एक एजेंसी है.’
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि, “सरकार के लोग हैं और समाज का एक क्रॉस-सेक्शन फिल्म देखता है और तय करता है कि क्या पास होगा और क्या नहीं होगा. मुझे लगता है कि हमें उस प्रमाणीकरण में भरोसा होना चाहिए, जो कटौती वे सुझाते हैं और वे क्या पास करते हैं.”
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रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीएफसी ने फिल्म के प्रोडक्शन बैनर यश राज फिल्म्स को ‘बेशरम रंग’ में बदलाव करने और भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी उल्लेखों को फिल्म से हटाने का सुझाव दिया. फिल्म 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.
बता दें कि, बेशरम रंग गाने में दीपिका पादुकोण के भगवा आउटफिट को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. कईयों ने सामने आकर आरोप लगाया कि गाने ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. पिछले हफ्ते, अहमदाबाद के एक मॉल में “पठान” के पोस्टर्स फाड़ दिये गये और वीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों ने कहा कि वे गुजरात में फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देंगे, जब तक कि गीत पर उनके मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता.
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पिछले महीने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने “बेशरम रंग” में दीपिका पादुकोण के आउटफिट पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि अगर कुछ सींस को “सही” नहीं किया तो सरकार इस बात पर विचार करेगी कि राज्य में इसकी स्क्रीनिंग के बारे में क्या किया जाए. मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड ने भी “इस्लाम को गलत तरीके से प्रस्तुत करने” के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.