अभिनेत्री करीना कपूर खान की फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा जल्द ही रिलीज को तैयार हैं. करीना कपूर इस फ़िल्म को अपने कैरियर में बहुत खास करार देती हैं क्योंकि इस फ़िल्म के लिए उन्हें पहली बार स्क्रीन टेस्ट से गुजरना पड़ा है. इस फ़िल्म, करियर, इंडस्ट्री से जुड़ी कई खास बातों को करीना ने साझा की है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
९० के दशक में बनी हॉलीवुड फिल्म फारेस्ट गंप पर लाल सिंह चड्ढा आधारित है, आपको इस फिल्म में क्या खासियत लगती है ?
फॉरेस्ट गम्प की कहानी प्यार की कहानी है. फिल्म में दो दशकों तक फॉरेस्ट अपने प्यार जेनी को ढूंढते हुए नज़र आए हैं तो लाल सिंह में भी आपको कहानी में लाल, रूपा को तलाशते नज़र आते हैं. लाल सिंह चढ्ढा बहुत खूबसूरती के साथ एडाप्ट की गयी है. जिस तरह से अतुल ने फिल्म की कहानी लिखी है, स्क्रीनप्ले लिखा है. वह कमाल का है. फिल्म में मेरा किरदार बहुत लेयर्ड वाला है. उससे ज़्यादा लेयर्ड किरदार उस फिल्म में कोई नहीं है.
फारेस्ट गंप आपने पहली बार कब देखी थी और आपकी क्या प्रतिक्रिया थी ?
९० के दशक में ही देखी थी. मुझे यह बहुत टाइमलेस फिल्म लगती है. उस फिल्म को आप अभी भी देखेंगे तो मॉडर्न और रोचक है. फारेस्ट गंप को आप कभी भी देख सकते हैं , यह आपको हमेशा मॉडर्न ही लगेगी. मुझे लगता है कि इसकी कहानी ऐसी है कि २० साल बाद फिर से इस पर कोई फिल्म बना सकता है.
क्या आमिर का नाम जुड़ा होने की वजह से आपने लाल सिंह चड्ढा को हां कहा ?
आमिर इस तरह से काम ही नहीं करते हैं. वे कभी नहीं बोलते कि मैं हूं फिल्म में तो फिल्म कर लो. वो हमेशा कहते हैं कि कहानी सबसे पहले सुनो. अभी सुनो. उन्होंने इस फिल्म की चार घंटे की नरेशन दी थी , जिस वजह से मैंने फिल्म को हां कहा. मुझे इस फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट भी देना पड़ा ताकि मैं दर्शा सकूं कि मैं ओल्डर पार्ट के लिए परफेक्ट हूं.
आमिर में आप किस तरह की ग्रोथ देखती हैं , आप लगातार उनके साथ काम कर रही हैं ?
मुझे लगता है कि आमिर एकदम अलग सोच से आते हैं. उनके काम करने का तरीका बहुत अलग है. वह अपनी फिल्मों को लेकर बहुत पैशनेट रहते हैं. उनकी फिल्म राख से लाल सिंह चड्ढा तक आप असल आमिर को कभी भी नहीं देख पाओगे . आमिर की ताकत है कि अपनी हर फिल्म में वह कुछ अलग दर्शाते हैं. उनकी फिल्में अच्छी हो या बुरी , लेकिन आमिर आपको हमेशा एक अलग अंदाज़ में पाएंगे.
आपने इस फिल्म की शूटिंग प्रेग्नेंसी में की है ?
मुझे इसमें कोई बड़ी बात नहीं लगती है. अगर आपको अच्छा लगता है, तो आप काम कीजिये. मुझे लगता है कि औरत की यही ताकत है. ऐसा कुछ भी नहीं है, जो हम नहीं कर सकते हैं. कोविड चल रहा था. हमलोग डेढ़ साल तक घर पर ही थे ,पता नहीं हो रहा था कि फिल्म बनेगी या नहीं या अटकी रहेगी लेकिन आमिर बहुत ही सपोर्टिव थे. आमिर ने सभी का पूरा ख्याल रखा. सेट पर लगातार टेस्टिंग होती थी, तो सबकुछ आसानी से हो गया.
आपकी प्रेग्नेंसी की वजह से क्या फिल्म के सीन्स में कुछ बदलाव हुए हैं ?
एक बार स्क्रिप्ट लॉक्ड हो जाने के बाद आमिर कुछ भी बदलाव नहीं करते हैं , तो इस फिल्म में भी कुछ बदलाव नहीं हुआ था.
इन दिनों आलिया की प्रेग्नेंसी सुर्ख़ियों में है ,आप आलिया को प्रेग्नेंसी टिप्स देंगी क्या ?
मैं क्यों आलिया को टिप्स दू. जब लोग मुझे टिप्स देते थे तो मुझे पसंद नहीं आता था.
२२ साल इंडस्ट्री में गुजारने के बाद क्या बॉक्स ऑफिस नम्बर्स आपको प्रेशर देते हैं ?
अब तो बॉक्स ऑफिस नम्बर्स की बात ही नहीं है , आजकल का सिनेरियो पूरी तरह से बदल गया है. आजकल पूरा मामला कंटेंट पर है. स्टार्स की फिल्में फ्लॉप हो रही हैं , जिनकी फिल्में अच्छी हैं ,वो ही चल रही हैं.
क्या वजह आपको लगती है , जो दर्शकों को स्टार्स अपील नहीं कर पा रहे हैं ?
हां ,आजकल स्टार्स हो ना हो फर्क नहीं पड़ रहा है. कोविड के बाद एक नया ट्रेंड चल गया है. सभी अच्छा कंटेंट चाहते हैं. लोगों को ओटीटी ने कहीं ना कहीं बिगाड़ दिया है, एक बटन के क्लिक पर लोगों को अच्छा कंटेंट देखने को मिल रहा है. हर प्लेटफार्म पर जबरदस्त कंटेंट हैं और एक्टर्स जबरदस्त तरीके से परफॉर्म भी कर रहा है. लोगों को लगता है कि जब उस टाइप का कंटेंट ही नहीं है , तो हम क्यों थिएटर में देखने जाए, वैसे भी हर थिएटर वाली फिल्म तीन से चार हफ्ते बाद ओटीटी पर आनी ही है तो थिएटर वाला अनुभव तभी होगा अगर फिल्म को देखने पूरा परिवार जाएगा. परिवार तभी जाएगा जब कंटेंट अच्छा होगा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है फिल्म में आमिर खान है या कोई नवोदित एक्टर.
सिनेमा के लिए क्या स्टारडम का होना आपको ज़रूरी नहीं लगता है ?
सिनेमा के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी अच्छे कंटेंट की है. इस ट्रेंड से कहानी अच्छी होगी. एक्टर्स भी अच्छे होंगे. ये नहीं है कि स्टार्स की फिल्में हैं, तो चलनी ही है. यह वाला एटीट्यूड भी नहीं रहेगा. एक्टर्स भी अभी और काम करने लगेंगे. वे कंटेंट से बिल्कुल भी समझौता नहीं करेंगे. जो सबसे अच्छी बात है.
आप भी ओटीटी के लिए एक प्रोजेक्ट कर रही हैं, उसकी क्या स्थिति है ?
मैं नेटफ्लिक्स की एक फिल्म कर रही हूं. जिसके निर्देशक सुजॉय घोष हैं. फिल्म की शूटिंग खत्म हो चुकी है. फिल्म दिसंबर या जनवरी तक नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो जानी चाहिए. फिल्म में मेरे साथ जयदीप अहलावत और विजय वर्मा है. यह फिल्म किताब डिवोशन ऑफ़ सस्पेक्ट पर आधारित है. बहुत ही कमाल की कहानी है. यही वजह है कि मैं इस प्रोजेक्ट से जुडी इसके साथ ही अलग- अलग और फ्रेश एक्टर्स के साथ काम करने का एक अलग ही अनुभव होता है आपने मुझे आमिर खान ,अक्षय कुमार जैसे कई सुपरस्टार्स के साथ काम करते हुए देखा.
इस फिल्म के सेट पर अपने इन को एक्टर्स किस तरह से सहज महसूस करवाती थी ताकि वह आपके स्टारडम से प्रभावित ना हो ?
मुझे लगता है कि ओटीटी में कोई स्टार नहीं होता है, सभी एक्टर होते हैं. सबकी औकात मालूम पड़ जाती है,क्यूंकि कैमरा चालू होता है,तो आपको परफॉर्म करना होता है. ओटीटी आप घर पर देखते हो वहां आपको सबकुछ देखने को मिलता है. बड़े पर्दे की बात अलग है. ओटीटी में आपको इस तरह से परफॉर्म करना होता है कि आपको दर्शकों को खुद से जोड़ लेना है,क्यूंकि घर में कई बार कुछ ना कुछ करते हुए दर्शक ओटीटी में कुछ देख रहा होता है. आपको उसमें दर्शकों को एंगेज करना है. जो एक अच्छा एक्टर ही कर सकता है.
कॉफी विद करण में आप जल्द ही नज़र आएंगी ,आप कौन से सीक्रेट्स लोगों के सामने लानी वाली हैं ?
मैंने सारे सीक्रेट्स युवा कलाकारों पर छोड़ दिया है. मेरा एपिसोड बोरिंग हो सकता है, जो भी सीक्रेट्स देखना चाहते हैं , लेकिन मैं खुश हूं.