Happy Birthday Sridevi : ‘चांदनी’, ‘चालबाज’ ‘सदमा’ और ‘मिस्टर इंडिया’ जैसी फिल्मों के जरिए फैंस के दिलों में राज करने वाली श्रीदेवी (Sridevi) आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो आज भी फैंस के दिलों में जिंदा हैं. श्रीदेवी साल 2018 में इस दुनिया को अलविदा कह गईं थीं. आज उनका जन्मदिन है और अगर आज वो होती तो वो अपना 57वां बर्थडे मना रहीं होती. उनके चाहने वालों की लिस्ट लंबी है, लेकिन क्या आप जानते हैं उसमें मशहूर फिल्म निर्देशक रामगोपाल वर्मा का भी नाम शामिल हैं. उन्होंने उनके मौत पर फैंस के नाम एक लेटर लिखा था. इस लेटर में राम गोपाल वर्मा ने श्रीदेवी की जिंदगी से जुड़े कई निजी तथ्य भी सामने रखे थे.
राम गोपाल वर्मा के मुताबिक हर वक्त हंसती-मुस्कुराती रहने वाली श्रीदेवी ताउम्र एक दुखी महिला रही हैं. खत में उन्होंने लिखा है, ये एकदम आदर्श मामला है कि किसी शख्स को जैसा दुनिया समझती है, उसकी जिंदगी हकीकत में उससे पूरी तरह अलग है. श्रीदेवी की निजी जिंदगी के खराब दौर ने उनके दिमाग पर गहरा असर किया था, जिससे वो पूरी उम्र उबर नहीं सकीं. वो अपनी जिंदगी में काफी कुछ सह चुकी थीं और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर शुरू करने की वजह से उन्हें मौका ही नहीं मिला कि वो सामान्य तरीके से बड़ी हो सकतीं. रामगोपाल वर्मा ने अपने खत में श्रीदेवी के मायके से लेकर ससुराल तक की कई अनसुनी कहानियां सामने रखीं.
My Love Letter To SRIDEVI’s FANS https://t.co/dUBs6L6lV9
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) February 27, 2018
उनके मुताबिक, बोनी की मम्मी श्रीदेवी को होम ब्रेकर कहती थीं. श्रीदेवी ने बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना कपूर के साथ जो किया था, उस वजह से बोनी की मम्मी ने उनके पेट में सार्वजनिक तौर पर मुक्का मारा था और वो भी फाइव स्टार होटल में. वो हर दिल अजीज और देश की सबसे बड़ी सुपरस्टार थीं, लेकिन ये कहानी का सिर्फ एक पहलू है. कई लोगों के लिए श्रीदेवी की जिंदगी परफेक्ट थी. खूबसूरत चेहरा, गजब का टैलेंट, दो बेटियों के साथ अच्छा परिवार. बाहर से सबकुछ ऐसा ही नजर आता था, लेकिन क्या श्रीदेवी बेहद खुश इंसान थीं और वे क्या बेहद खुशहाल जिंदगी जी रही थीं ?
रामगोपाल वर्मा का दावा है कि श्रीदेवी की हकीकत इससे बिल्कुल उलट थी. रामू के मुताबिक वो श्रीदेवी की जिंदगी के बारे में तब से जानते हैं, जब श्रीदेवी उनके डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘क्षण क्षणम’ के वक्त मिली थीं. रामगोपाल वर्मा की मानें तो श्रीदेवी मेकअप करती थीं और कैमरे के आगे कुछ और बन जाती थीं, लेकिन वो अपनी असल जिंदगी में साइकोलॉजिकल मेकअप लगाती थीं, ताकि कोई उनकी असल जिंदगी से रूबरू न हो सके.
मैंने अपनी आंखों से देखा था कि उनके पिता की मौत तक उनकी जिंदगी किस तरह आसमान में उड़ते आजाद परिंदे की तरह थी. बेटी की हिफाजत को लेकर मां की संजीदगी से उनकी जिंदगी पिंजरे में कैद परिंदे जैसी हो गई थी. उन दिनों कलाकारों का भुगतान अक्सर ब्लैक मनी से होता था. श्रीदेवी पिता ने इनकम टैक्स के छापों के डर से ये पैसा अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के पास रखा था. पिता की मौत के बाद इन लोगों ने श्रीदेवी को धोखा दिया. श्रीदेवी की मां ने कानूनी पचड़ों में पड़ी प्रॉपर्टी में पैसा फंसा दिया. इन सब वजह से वो बाद में पाई-पाई को मोहताज हो गईं. तभी श्रीदेवी की जिंदगी में बोनी कपूर आए. बोनी खुद भी काफी कर्ज में थे. ऐसे में वो उनका सिर्फ दुख ही बांट सकते थे.
Posted By: Divya Keshri