उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ से संबंधित याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं से उच्च न्यायालय में जाने को कहा. बता दें कि फिल्म पांच मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया गया. इसमें से एक में मांग की गयी है कि फिल्म में यह ‘डिस्क्लेमर’ होना चाहिए कि यह कल्पना पर आधारित है.
पीठ ने कहा, ”अनुच्छेद 32 के तहत जो राहत मांगी गयी है, उसे अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय के समक्ष उचित कार्यवाही के लिए रखा जा सकता है.” उन्होंने कहा, हम इस आधार पर याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं. हम इसे उचित उच्च न्यायालय में जाने के लिए याचिकाकर्ताओं पर छोड़ते हैं.
एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने कहा कि फिल्म के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गयी है और यह पांच मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. इसी दिन फिल्म पूरे भारत में रिलीज होगी. पीठ ने कहा, ”उच्च न्यायालय में अनुभवी न्यायाधीश हैं. उन्हें स्थानीय हालात पता हैं. हम सुपर (अनुच्छेद) 226 अदालत क्यों बनें?” उन्होने याचिकाकर्ताओं से उच्च न्यायालय में जाने को कहा. उन्होंने कहा कि वह उनकी याचिकाओं के जल्द निस्तारण के अनुरोध पर विचार कर सकती है.
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वहीं द केरला स्टोरी मूवी का विरोध केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी किया है. उनका कहना है कि यह फिल्म संघ के विचारों को बढ़ावा दे रही है. बेवजह लव जिहाद के मुद्दे पर फिल्म बनाकर संघ के विचारों को प्रचारित किया जा रहा है. फिल्म का कई राजनीतिक दलों ने भी विरोध किया है, जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कई सीन और डायलाॅग हटा दिये हैं. फिल्म में मुख्य भूमिका अदा शर्मा ने निभाई है.