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बजट से उम्मीदें : व्यापारी वर्ग चाहता है आयकर भरना आसान हो, प्रोफेशनल की मदद ना लेनी पड़े

रांची : बजट 2019 से व्यापारी वर्ग को भी ढेर सारी उम्मीदें हैं. इस बजट को लेकर झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स क्या सोचता है, किन बातों पर चैंबर चाहता है कि सरकार ध्यान दे और सुधार करे. इन सवालों के साथ हमने चैंबर ऑफ कॉमर्स रांची के अध्यक्ष दीपक मारू और चैंबर के पूर्व अध्यक्ष […]

रांची : बजट 2019 से व्यापारी वर्ग को भी ढेर सारी उम्मीदें हैं. इस बजट को लेकर झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स क्या सोचता है, किन बातों पर चैंबर चाहता है कि सरकार ध्यान दे और सुधार करे. इन सवालों के साथ हमने चैंबर ऑफ कॉमर्स रांची के अध्यक्ष दीपक मारू और चैंबर के पूर्व अध्यक्ष रणजीत गाड़ोदिया से बातचीत की. हमसे बातचीत में उन्होंने कहा, चैंबर का काम ही है एसोसिएशन से जुड़ी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना और समस्याओं को दूर करना. इस बार चैंबर पूरी तरह से रिफॉर्म के पक्ष में है. हमने अपनी बात रखी है कि आयकर भरने में सरलता होनी चाहिए.

आयकर भरने में सरलता हो
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने कहा, हम इतनी सरलता चाहते हैं कि लोग खुद से आयकर भर सकें उन्हें किसी सी.ए या वकील के पास ना दौड़ना पड़े. इसमें इतनी धाराएं और जटिलता है कि लोगों को प्रोफेशनल की जरूरत पड़ती है. चैंबर ऑफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष और चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) रंजीत गाड़ोदिया भी मानते हैं कि आयकर भरने में बहुत जटिलताएं हैं. रंजीत कहते हैं हम इस क्षेत्र में हैं फिर भी बार- बार पढ़ना पड़ता है. हम चाहते है कि यह आसान हो जाए ताकि लोगों की परेशानी दूर हो और भारी- भरकम फीस देकर उन्हें आयकर ना भरना पड़े. उम्मीद है कि इस बजट में सरलीकरण पर भी ध्यान दिया जायेगा.
टैक्स स्लैब को लेकर दुविधा
दीपक मारू टैक्स स्लैब में समस्याओं का जिक्र करते हुए कहते हैं, टैक्स स्लैब के बाद भी सेस की समस्या है जिसमें 2 तो कहीं 3 प्रतिशत लगता है. सरकार चाहे तो इसे एक कर सकती है अगर सरकार को टैक्स स्लैब बढ़ाकर 30 करना हो कर दे लेकिन इस तरह के सेस को खत्म करे ताकि लोगों को आयकर भरने में आसानी हो. रंजीत इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं देखिये टैक्स स्लैब पर छूट तो सभी चाहते हैं व्यापारी भी चाहता है लेकिन इसमें लगने वाले सेस से समस्या बढ़ जाती है. अगर टैक्स स्लैब एक हो और सारे सेस उसी के अंदर हों तो आसानी होगी.
नुकसान के वक्त भी व्यापारी का रखा जाए ध्यान
दीपक कहते हैं अगर व्यापारी सालों से अच्छा व्यापार कर रहा है, टैक्स भर रहा है और किसी बड़े नुकसान की वजह से अचानक वह टैक्स नहीं भर पाता है तो इस दिशा में भी कोई कदम उठाना चाहिए. अगर टैक्स का एक फीसद हिस्सा वह जमा रखे और बुरे वक्त में उसका इस्तेमाल कर सके तो बेहतर होगा इससे उसके परिवार जमीन पर खतरा नहीं आयेगा और व्यापार दोबारा खड़ा करने में मदद भी मिलेगी. सरकार इस दिशा में भी सोचे
आयुष्मान भारत और कृषि
व्यापार के अलावा सरकार किन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे इस सवाल पर दीपक कहते हैं, सरकार आयुष्मान भारत को लेकर अच्छा काम कर रही है. लेकिन ग्रामीण और पंचायत स्तर पर इलाज के लिए आज भी लोगों को शहर आना पड़ रहा है. इसे लागू करने में परेशानियां है और कोई नयी योजना जो इतनी बड़ी हो उसमें परेशानियां तो होंगी ही. रंजीत भी मानते हैं कि बिल्डिंग बन रही है लेकिन सुविधाओं की कमी है, डॉक्टर की कमी है. सरकार को इस योजना की कमियों पर भी ध्यान देना चाहिए.
छोटे उद्योग पर सरकार दे विशेष ध्यान
दीपक लघु उद्योग और छोटे व्यापारी को लेकर जिंता जाहिर करते हुए कहते हैं. सरकार को इन पर विशेष ध्यान देना होगा. सरकार ने कई बार इस तरफ ध्यान दिया है फंड भी दिया है लेकिन कुछ खास हो नहीं पाया. अब भी छोटे उद्योग पर संकट है. इसे बढ़ावा देने की जरूरत है. छोटे – छोटे दुकानदारों को बचाने की जरूरत है . इसका ध्यान रखना है कि बड़े व्यापारी छोटे व्यापारियों को खत्म ना करें. हमें मंदी से बचाने वाले यही व्यापारी हैं.
पर्यावरण के लिए हो बड़ा और विशेष बजट
चैंबर के पूर्व अध्यक्ष और सीए रंजीत गाड़ोदिया पर्यावरण पर जोर देते हुए कहते हैं, इस साल पूरे देश में जिस तरह पीने के पानी की किल्लत हुई है इस पर सरकार विशेष ध्यान दे. झारखंड में भी कई जगहों पर पीने के पानी की दिक्कत हुई, तापमान बढ़ा रहा. अगर पृथ्वी रहेगी तो हम बजट में अच्छी चीजों की उम्मीद करेंगे पहले इस तरफ ध्यान देना चाहिए. बड़ा बजट बनाकर इस दिशा में काम करना चाहिए. दूसरा शिक्षा पर ध्यान दे सरकार अगर शिक्षा पर अच्छा खासा बजट नहीं होगा तो नुकसान देश को ही होगा.

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