अंजनी कुमार सिंह
सामाजिक-आर्थिक जनगणना के 2011 की रिपोर्ट में भूमिहीनता को गरीबी का सबसे बड़ा कारण बताया गया है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 56 फीसदी परिवार भूमिहीन हैं. एनएसएसओ के आंकड़े के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में जहां 1971 में औसतन परिवार के पास 1.2 हेक्टेयर भूमि थी, वह वर्ष 2013 में घटकर 0.59 हेक्टेयर हो गयी है. यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 92 फीसदी परिवारों के पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है. भूमि के घटते रकबे के कारण किसानों को खेती पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है. उनकी आय घट रही है.
सरकार के नयेएलान के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था से आय समर्थन का कदम झलक में दिख सकती है. अगर ऐसा होता है, तो सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि बढ़ा सकती है. सरकार की प्राथमिकता में मनरेगा को कृषि से जोड़ने, जल समस्या को दूर करने, रोजगार बढ़ाने और मध्यवर्ग के लिए कई कदम उठाये जा सकते हैं. साथ ही बजट से सरकार अगले पांच साल का रोडमैप भी पेश करेगी. देश में सूखे के हालात को देखते हुए पानी को लेकर बजट में बड़ी घोषणा हो सकती है. प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत की तर्ज पर सभी को स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए जल संचय और पानी के स्रोतों के संवर्धन के लिए काफी सक्रिय है.