नयी दिल्ली : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज राज्य सभा में बजट से एक दिन पहले देश की अर्थव्यवस्था की जानकारी देने वाला आर्थिक सर्वे पेश किया.सर्वे में यह अनुमान भी लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2020 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7 प्रतिशत की वृद्धि होगी. वित्तीय वर्ष 2019 में सामान्य राजकोषीय घाटा 5.8 देखा गया है, जबकि वर्ष 2018 में यह 6.4 प्रतिशत था
अर्थव्यवस्था की सेहत का आईना समझी जाने वाली वार्षिक आर्थिक समीक्षा में देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 तक 5,000 अरब डालर पहुंचाने के लिए 8 प्रतिशत की दर से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि हासिल करने और निवेश बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024-25 तक अर्थव्यवस्था का आकार 5,000 अरब डालर पहुंचाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में अर्थव्यवस्था को नयी ऊंचाई पर ले जाने के लिए आर्थिक वृद्धि को गति, मांग, निर्यात और रोजगार सृजन पर जोर देने की बात कही गयी है. समीक्षा में कहा गया है कि ये वृहत आर्थिक तत्व एक-दूसरे के पूरक हैं. समीक्षा में आर्थिक वृद्धि के बारे में कहा गया है, ‘‘चालू वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है.’ राज्यसभा के बाद आर्थिक सर्वे लोकसभा में पेश किया गया.
समीक्षा के अनुसार, ‘‘इन पांच वर्षों में औसत महंगाई दर इससे पहले के पांच वर्षों की महंगाई दर की तुलना में कम रही….चालू खाता घाटा (सीएडी) संतोषजनक स्तर पर बना रहा जबकि विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सर्वाधिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.’ इसमें विदेशी मुद्रा भंडार 2018-19 में 412.9 अरब डालर रहने का अनुमान जताया गया है जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 3.4 प्रतिशत रहने की संभावना है. आर्थिक समीक्षा में जीडीपी वृद्धि को गति देने के लिए निवेश आकर्षित करने की बात कही गयी है. इसमें निवेश की अगुवाई वाले मॉडल की सफलता के लिए देश में निवेशकों के समक्ष मौजूद जोखिमों को सुव्यवस्थित ढंग से कम करने पर जोर दिया गया है.
समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने तैयार की है और इसमें दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते में देश के समक्ष चुनौतियों को रेखांकित किये जाने की संभावना है. इसमें 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुने से अधिक कर 5,000 अरब डालर पर पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सुधारों की विस्तृत रूपरेखा पेश की जायेगी. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मेरी और नयी सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा के संसद के पटल पर रखे जाने को लेकर उत्साहित हूं.’ वर्ष 2018- 19 की आर्थिक समीक्षा ऐसे समय पेश की जा रही है जब अर्थव्यवस्था विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों का सामना कर रही है.