नयी दिल्ली : वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 फीसदी पर रखने के लक्ष्य को लेकर उठ रही आशंकाओं को खारिज किया. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, क्योंकि सरकार को अंतरिम बजट की तुलना में 6,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है. सरकार ने फरवरी में पेश अंतरिम में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था. कुछ रेटिंग एजेंसियों सहित आलोचकों ने राजकोषीय घाटे के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने की संभावनाओं को लेकर संदेह जताया है.
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वित्त सचिव गर्ग ने बजट पेश किये जाने के बाद वार्ता में कहा कि राजस्व के लिहाज से 2018-19 के वास्तविक राजस्व से तुलना करने पर प्रत्यक्ष करों में 17.5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है. अप्रत्यक्ष करों में केवल 15 फीसदी की वृद्धि हो रही है. हमारे हिसाब से यह बहुत यथार्थवादी लक्ष्य है. गैर-कर राजस्व के मामले में भी वृद्धि हो रही है, क्योंकि हम बेहतर लाभांश की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि व्यय अंतरिम बजट के अनुमान के आसपास ही रहेगा. इसमें केवल 2,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है.
गर्ग ने कहा कि इन सबको मिलाने पर हमें अंतरिम बजट की तुलना में 6,000 करोड़ रुपये की बचत हो रही है. यह राजकोषीय घाटे का जीडीपी के 3.4 फीसदी से 3.3 फीसदी पर लाने में मदद करेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 फीसदी किया जा रहा है. पहले इसके 3.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था.