‘नारी तू नारायणी’ र्थव्यवस्था में आधी आबादी की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 2.0 के बजट में महिलाओं का खासा ध्यान रखा है. देश की आधी आबादी के बारे में घोषणा करने से पहले उन्होंने स्वामी विवेकानंद की बात का उल्लेख कर समाज में महिलाओं के महत्व को बताया. सीतारमण ने अपनी बात ‘नारी तू नारायणी’ कहते हुए शुरू की और इसके जरिये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2019 2:35 AM

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 2.0 के बजट में महिलाओं का खासा ध्यान रखा है. देश की आधी आबादी के बारे में घोषणा करने से पहले उन्होंने स्वामी विवेकानंद की बात का उल्लेख कर समाज में महिलाओं के महत्व को बताया. सीतारमण ने अपनी बात ‘नारी तू नारायणी’ कहते हुए शुरू की और इसके जरिये देश की महिलाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा.

महिलाओं के लिए घोषणाएं करने से पहले वित्त मंत्री ने कहा कि मैं भारत की महिलाओं का ध्यान आकर्षित करती हूं, ‘नारी तू नारायणी’. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी एक सुनहरी कहानी है. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां महिलाओं का अद्भुत योगदान न हो. इस बार चुनाव में महिलाओं ने रिकॉर्ड मतदान किया तो वहीं इस बार 78 महिला सांसद चुनी गयीं, जो कि एक रिकॉर्ड है.
आगे उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मानना है कि हम अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी के साथ ही प्रगति कर सकते हैं. इसके बाद सीतारमण ने स्वामी विवेकानंद की लिखी एक चिट्ठी का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि महिलाओं की स्थिति में सुधार हुए बिना दुनिया का कल्याण संभव नहीं है. कोई भी पक्षी एक पंख के सहारे नहीं उड़ सकता.
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान अहम है. महिलाओं की भागीदारी से ही देश का विकास संभव है. उन्होंने कहा कि मैं एक कमेटी का प्रस्ताव रखती हूं, जो महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सुझाव रखे. वित्त मंत्री ने कहा कि जिन महिलाओं का जन-धन अकाउंट है और जो सेल्फ हेल्प ग्रुप में वेरिफाइड हैं, उन्हें पांच हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी.
साथ ही सेल्फ हेल्प ग्रुप में काम करने वाली किसी एक महिला को मुद्रा स्कीम के तहत एक लाख रुपये का ऋण मिल सकेगा. सब्सिडी कार्यक्रम का सभी जिलों में विस्तार किया जायेगा.
1. महिलाओं को मुद्रा योजना के तहत एक लाख रुपये का कर्ज
2. जनधन खाता वाली महिलाओं को 5000 का ओवरड्राफ्ट
महिलाओं की भागीदारी
नारी तू नारायणी योजना के तहत एक कमेटी बनेगी, जो देश के विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर सुझाव देगी.
स्टैंड अप इंडिया
स्टैंड अप इंडिया योजना से महिलाओं को लाभ मिलेगा. कारोबार और उद्योग खड़ा करने के लिए इस योजना के तहत पूंजी दी जायेगी.
महिला एसएचजी
,महिला स्व-सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप-एसएचजी) के लिए ब्याज सब्सिडी कार्यक्रम का सभी जिलों में विस्तार किया जायेगा.
उद्यमिता प्रोत्साहन
मुद्रा स्कीम, स्टैंड अप इंडिया और स्व-सहायता समूह (एसएचजी) के माध्यम से महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की व्यवस्था.
पर्यावरण सुधार पर केंद्र का जोर, 10% बढ़ा बजट
पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने पर सरकार के जोर को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के बजट में 10.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की. पिछले बजट (2018-19) की तुलना में यह पांच गुना अधिक वृद्धि है. बजट के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2675.42 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे, जबकि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में 279.3 करोड़ रुपये बढ़ोतरी (10.4 प्रतिशत) के साथ 2954.72 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
पिछले बजट में वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में मंत्रालय के बजट आवंटन में मात्र 48.81 करोड़ रुपये का इजाफा किया गया था. स्पष्ट है कि पर्यावरण संरक्षण संबंधी पेरिस समझौते के तहत कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य को पूरा करने की प्रतिबद्धताओं के मद्देनजर मंत्रालय के बजट में पिछली बार के मुकाबले दस प्रतिशत से अधिक राशि आवंटित की गयी है.
240 करोड़ दिये गये हरित भारत राष्ट्रीय मिशन को
350 करोड़ की राशि आवंटित हुई बाघ और हाथी संरक्षण अभियान के लिए
345 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को आवंटित
किराये पर रहने वाले लोगों को ‘नया किराया कानून’ से मिलेगी राहत
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार किराया कानून में संशोधन करेगी. उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा मौजूदा कानून बहुत पुराना है. इसमें बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पुराने किराये कानून की वजह से मकान मालिक और किरायेदार के बीच अच्छे ताल्लुकात विकसित नहीं हो पाते हैं. गौरतलब है कि अभी शहरों में आबादी का बड़ा हिस्सा किराया पर रहता है. खासकर उन लोगों को किराये के घर में रहना पड़ता है, जिन्हें नौकरी में ट्रांसफर की वजह से एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता है. ऐसे लोगों को किराया कानून में बदलाव से मदद मिलेगी.

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