ग्रामीण विकास के लिए प्रयास की जरूरत

बराजेश रपरिया, अर्थशास्त्री बजट में ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है. सामाजिक कल्याण के लिए पहले से जो योजनाएं चलायी जा रही थीं, उन्हीं की चर्चा है. बजट में जो उम्मीदें की गयी थी, उसके मुताबिक कुछ खास नहीं हुआ. ग्रामीण विकास के लिए आगामी वर्षों में 25 लाख करोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2019 2:37 AM

बराजेश रपरिया, अर्थशास्त्री

बजट में ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है. सामाजिक कल्याण के लिए पहले से जो योजनाएं चलायी जा रही थीं, उन्हीं की चर्चा है. बजट में जो उम्मीदें की गयी थी, उसके मुताबिक कुछ खास नहीं हुआ. ग्रामीण विकास के लिए आगामी वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की बात की जा रही है.
यह कैसे होगा और कितना असरकारक होगा, यह स्पष्ट नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर सरकार के दावे हैं, जबकि इसके बजट में कटौती की जा रही है. आवास योजना एक अच्छी पहल है, उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इसका आमजन को लाभ मिलेगा.
सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के तहत अगले दो साल में 1.95 करोड़ घर बनायेगी. इसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगी. इससे गांवों में मजूदरी के बढ़ेगी, जिससे बाजार में सुधार होगा. सरकार मुख्य रूप से बीमा योजनाओं पर फोकस कर रही है, जबकि इससे जुड़ी कई योजनाओं का हाल हम देख चुके हैं.
किसानों की आय में बढ़ोतरी का मुद्दा सरकार के एजेंडे में है, लेकिन आय में बढ़ोतरी कैसे होगी, यह स्पष्ट नहीं है. गांवों में स्कूलों को बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की सुलभता सुनिश्चित करना जरूरी है. इसके लिए काफी उम्मीदें थी, लेकिन इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया है. हालांकि, देश में गहराते जल संकट को देखते हुए सरकार ने हर घर नल योजना का एलान किया है, जो सराहनीय है. इससे लोगों को साफ पानी मिल सकेगा.

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