#Budget2019 : बजट निराशाजनक, एक बार फिर उम्मीद पर पानी फिरा

पीके अग्रवाल, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज बिहार की आम जनता के साथ-साथ राज्य के उद्यमी व व्यवसायियों को ऐसी आशा थी कि इस बार के बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक विकास के लिए अपेक्षित विशेष योजना या विशेष पैकेज की घोषणा की जायेगी. क्योंकि, पूर्व में भाड़ा समानीकरण नीति व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2019 5:42 AM

पीके अग्रवाल, बिहार

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
बिहार की आम जनता के साथ-साथ राज्य के उद्यमी व व्यवसायियों को ऐसी आशा थी कि इस बार के बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक विकास के लिए अपेक्षित विशेष योजना या विशेष पैकेज की घोषणा की जायेगी. क्योंकि, पूर्व में भाड़ा समानीकरण नीति व खनिजों पर रॉयलटी के मद में राज्य को काफी नुकसान हुआ हैं.
वित्त मंत्री की ओर से पेश आम बजट में छोटे व्यवसायियों के लिए पेंशन योजना, काॅरपोरेट टैक्स की वर्तमान सीमा को बढ़ा कर 400 करोड़ किया जाना, जल शक्ति मंत्रालय का गठन, आधारभूत संरचना को बढ़ाने को 100 लाख करोड़ का प्रावधान, देश के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग पर विशेष ध्यान देना, श्रम कानूनों का सरलीकरण, मकान खरीदने की छूट सीमा में वृद्धि जैसी घोषणा स्वागतयोग्य कदम है. ऐसा प्रतीत होता है कि बजट में गांव, गरीब व किसान पर विशेष फोकस किया गया है.
पेट्रोल व डीजल पर एक फीसदी सेस और 2 से 5 करोड़ की आय पर 3 तथा 5 करोड़ से ऊपर के आय पर 7 फीसदी अतिरिक्त कर का प्रतिकूल प्रभाव उद्योग व व्यवसाय पर पड़ेगा.
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