Budget 2021 Expectations: ‘आत्मनिर्भर बिहार’ बनाने के लिए केंद्रीय बजट से मिलेगा कोई तोहफा ? ये हैं खास उम्मीदें
Budget 2021 Expectations: एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वर्ष 2021-22 के लिए देश का बजट (Union Budget) पेश करेंगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bihar) बनाने के लिए इस बार की बजट में बिहार को खास सौगात दी जा सकती है.
Budget 2021 Expectations: एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वर्ष 2021-22 के लिए देश का बजट (Union Budget) पेश करेंगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bihar) बनाने के लिए इस बार की बजट में बिहार को खास सौगात दी जा सकती है. केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही डबल इंजन की सरकार के होने से ये अपेक्षाएं और बढ़ गई हैं. .
विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा काफी वर्षों से लंबित है. स्वास्थ्य, शिक्षा, रेल को लेकर भी कई उम्मीदें है. बिहार का उद्योग व्यवसाय जगत भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. बिहार कृषि प्रधान राज्य है. यहां की सरकार ने उद्योगों के विस्तार के लिए काफी कोशिशें की हैं लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में मनचाहा ग्रोथ राज्य को नहीं मिल सका है.उद्योग जगत की माने तो केंद सरकार ने बजट में बिहार पर ध्यान दिया तो इससे न केवल यहां के आमलोगों का भला होगा बल्कि बिहार औद्योगिक मंदी से भी उबर जाएगा. आइये हम कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर नजर डालते हैं जिसपर बिहार की नजर है
विशेष राज्य का दर्जा
विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की की मांग बीते कई वर्षों से उठती रही है. हालांकि आम बजट में इस मांग पर कोई घोषणा की संभावना तो कम है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य को एक लाख 65 हजार करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की थी. ये उम्मीद जरूर की जा रही है कि बाकी बची योजनाएं जो अब भी लंबित हैं, उस पर जल्द काम शुरू होगा.सवा लाख करोड के पुराने पैकेज का पैसा बिहार को जल्द से जल्द दिया जाए और बिहार में बचे हुए पैकेज का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए.
केंद्रीय बजट गांव के विकास को फोकस करते हुए होना चाहिए. बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है. ऐसे राज्य बजट के केंद्र में होना चाहिए. बजट ग्रामीण आधारित उद्योग को बढ़ावा देनेवाला होना होना चाहिए. इससे गांवों से पलायन रुकेगा और गांव का ही विकास होगा. अभी तक बजट कृषि और कृषि आधारित उद्योग बजट का फोकस नहीं रहा है.
अमृतसर हावडा इन्डस्ट्रीयल कॉरीडोर को जल्द से जल्द मूर्त रुप दिया जाय. कॉरीडोर बनने से बिहार के औरंगाबाद, गया, कैमूर जैसे छह जिलों को फायदा होगा. दिल्ली मुंबई की तर्ज पर विदेशी कंपनी के सहयोग से बिहार में भी उद्योग जगत को जमीन खरीद के लिए डेडिकेटेड कॉरीडोर की सुविधा मिले.
देश के 117 पिछड़े जिलों में शामिल बिहार के 13 जिलों में उद्योग लगाने पर आयकर और अन्य करों में राहत देने की केंद्र सरकार से उम्मीद है. इसके अलावा रेल, स्वास्थ्य, शिक्षा और पिछड़ेपन समेत तमाम मुद्दे हैं जो बिहार चाहता है कि उसकी मांग को इस बजट में तवज्जो दी जाए.
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Posted By: Utpal kant