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क्या चुनाव से डरा-सहमा है बाजार या यह महज गिरने का बहाना है? जानें एक्सपर्ट की राय

Stock Market: चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है. इसलिए, यह शेयर बाजार के लिए एक बड़ा इवेंट है और इस बड़े इवेंट का बाजार पर सीधा प्रभाव पड़ता है.

By KumarVishwat Sen | May 11, 2024 3:14 PM
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Stock Market: भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद सप्ताह के आखिरी दिन 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन मजबूत हुआ. इससे पहले 9 मई 2024 गुरुवार को भारी बिकवाली और वैश्विक बाजारों के नकारात्मक रुख से बाजार में हाहाकार मचा रहा. इसका नतीजा यह रहा कि बीएसई सेंसेक्स 1000 से अधिक अंकों से गिरकर गोता खा गया और एनएसई निफ्टी भी 345 अंक गिरकर चित लेट गया. इससे पहले 8 मई 2024 को सेंसेक्स 45 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था. आखिर क्या कारण है कि बाजार में लगातार गिरावट का दौर जारी है और क्या आगे भी जारी रहेगा? आइए, जानते हैं कि बाजार की चाल के बारे में मार्केट एक्सपर्ट क्या कहते हैं.

बाजार को गिरने का बहाना चाहिए

निवेशक विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है कि बाजार को गिरने का बहाना चाहिए. उतार-चढ़ाव बाजार का स्वभाव है, लेकिन इस समय बाजार के गिरने का तात्कालिक कारण देश में चल रहा आम चुनाव है. उन्होंने कहा कि देश में तीन चरणों का आम चुनाव हो चुका है. निवेशक तीन चरणों के वोटिंग पर्सेंटेज को देखकर डरे-सहमे हैं और घबराहट में बिकवाली कर रहे हैं. लेकिन, यह गिरावट का दौर लंबी अवधि के लिए नहीं है.

तीन चरणों के वोट पर्सेंटेज से डरा है बाजार

बलवंत जैन आगे कहते हैं कि इस समय शेयर बाजार आम चुनाव के तीन चरणों के वोट पर्सेंटेज को देखकर डरा-सहमा है, इसमें कोई दो राय नहीं है. वोट पर्सेंटेज को देखकर इक्विटी शेयरों में निवेश करने वाले ट्रेडर्स बिकवाली कर रहे हैं. बाजार में इक्विटी शेयरों में बिकवाली ट्रेडर्स करते हैं. लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने वाले निवेशक किसी भी तात्कालिक कारणों से बिकवाली के फेर में नहीं पड़ते. बाजार की चाल को वैसे ट्रेडर्स प्रभावित करते हैं, जो कम समय में पैसा कमाने के लिए इक्विटी शेयरों में निवेश करते हैं. लॉन्ग टर्म फंडों या शेयरों में निवेश करने वाला निवेशक घबराहट में निकासी नहीं करता है. वह लाभ का इंतजार करता है.

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नतीजे आने तक जारी रह सकता है गिरावट का दौर

वहीं, ट्रेड स्विफ्ट के संदीप जैन भी कहते हैं कि शेयर बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह देश में होने वाला आम चुनाव है. उन्होंने भी यही बात कही कि तीन चरणों के मतदान के वोटिंग पर्सेंटेज को देखकर निवेशक डरे-सहमे हैं. यही वजह है कि निवेशक अपने शेयरों को बाजार से निकालने में जुट गए हैं. उनका यह भी कहना है कि बाजार में गिरावट का यह दौर चुनाव नतीजे आने तक जारी रह सकता है. सात चरणों में होने वाले चुनाव में जब-जब मतदान होगा, उसका असर बाजार पर देखने को मिलेगा. वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ता है, तो अच्छे नतीजे भी देखने को मिल सकते हैं.

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बाजार के लिए चुनाव एक बड़ा इवेंट

संदीप जैन आगे कहते हैं कि चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है. इसलिए, यह शेयर बाजार के लिए एक बड़ा इवेंट है और इस बड़े इवेंट का बाजार पर सीधा प्रभाव पड़ता है. निवेशक की धारणा इससे प्रभावित होती है. वोटिंग पर्सेंटेज से निवेशक की अवधारणा बनती है और वह तत्काल उसी के हिसाब से काम करता है. हालांकि, बाजार की यह चाल लंबे समय तक के लिए नहीं है, लेकिन चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक स्थिति में बहुत अधिक बदलाव होने की उम्मीद नहीं है.

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