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Budget 2021: कोविड सेस लगने से इंफ्रा, एग्रीकल्चर और मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट मिलने की उम्मीदें!, अलर्ट मोड में निवेशक

Union Budget 2021 Expectations : संसद के बजट सत्र के दौरान 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2021 पेश करेंगी. कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार आम जनता समेत उद्योग जगत से जुड़े लोगों को बजट से बड़ी उम्मीदें है. दुनिया भर में कई देशों के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था पर भी कोरोना संकट का बड़ा असर देखने को मिला है. इसी के मद्देनजर इस बार के बजट को अहम माना जा रहा है. बाजार में निवेश करने वाले निवेशक भी बजट के पहले अलर्ट मोड में दिख रहे हैं. इसी संदर्भ में बीते कुछ दिनों से शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2021 4:04 PM

Union Budget 2021 Expectations : संसद के बजट सत्र के दौरान 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2021 पेश करेंगी. कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार आम जनता समेत उद्योग जगत से जुड़े लोगों को बजट से बड़ी उम्मीदें है. दुनिया भर में कई देशों के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था पर भी कोरोना संकट का बड़ा असर देखने को मिला है. इसी के मद्देनजर इस बार के बजट को अहम माना जा रहा है. बाजार में निवेश करने वाले निवेशक भी बजट के पहले अलर्ट मोड में दिख रहे हैं. इसी संदर्भ में बीते कुछ दिनों से शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है.

फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड की इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ज्योति रॉय की ओर से लिखे गये लेख में इस संबंध में विस्तार से बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 और यहां तक कि वित्त वर्ष 2022 में बजट का मुख्य फोकस राजकोषीय घाटे के आंकड़ों के आसपास रहने वाला है. पिछले साल राजकोषीय घाटा 3.8 फीसदी हो गया. जबकि, अनुमान 3.6 फीसदी था. वहीं, इस साल यह 3.8 फीसदी के पार रहेगा. कुछ महीने पहले इसके करीब 8 फीसदी होने की उम्मीद जतायी जा रही थी. हालांकि, यह आंकड़ा घटकर अब 6.5 फीसदी 7 फीसदी पर आ गया है.

वित्त वर्ष 2021 में वृद्धि के संदर्भ में नॉमिनल जीडीपी 14 प्रतिशत से 15 फीसदी बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है. जबकि, वास्तविक जीडीपी वृद्धि लगभग 9 फीसदी से 10 फीसदी होने का अनुमान है. उधर, महंगाई दर का अनुमान करीब 5 फीसदी है. इसलिए, अगले साल अच्छी वृद्धि दर की उम्मीद जतायी जा रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का पहला फोकस होगा. बजट में नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के लिए अतिरिक्त खर्च की व्यवस्था की भी संभावना है. वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना में अधिक से अधिक आवंटन हो सकता है और इसे लागू करने पर जोर दिया जायेगा. जबकि, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र पर निरंतर जोर दिया जा रहा है.

इसी क्रम में ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिक बजटीय आवंटन देख सकते हैं. साथ ही कृषि क्षेत्र के लिए कुछ नये प्रावधान किए जा सकते हैं. वहीं, विनिर्माण क्षेत्र में सरकार अधिक से अधिक क्षेत्रों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं को जारी रख सकती है. आयातित वस्तुओं जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, टायर आदि के लिए ड्यूटी बढ़ सकती है.

इन सबके बीच, सरकार अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त उपकर या अधिभार लगा सकती है. कोविड-19 के कारण काफी खर्च होने वाला है और वैक्सीनेसन अभियान के लिए रूपरेखा बनायी जाएगी. ऐसे में सरचार्ज के बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है या इस वर्ष के बजट में एक कोविड सेस शामिल किया जा सकता है.

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