20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Union Budget 2023 : फिक्की ने सरकार से की विंडफॉल टैक्स समाप्त करने की मांग, जानें कब लगाया जाता है यह कर

भारत में सरकार की ओर से पहली बार पिछले साल एक जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया था. इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के सामान्य से अधिक मुनाफे पर कर लगाते हैं. उस समय घरेलू कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का विंडफॉल टैक्स लगाया गया था.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में केंद्रीय बजट 2023 पेश करने में अब सात दिन शेष रह गए हैं. इस साल के बजट से लोगों की ढेर सारी उम्मीदें हैं, इसलिए वे सरकार से मांग और बजट में नए प्रावधान करने की मांग कर रहे हैं. उद्योग मंडल फिक्की ने मंगलवार को सरकार से आगामी आम बजट में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के निर्यात से प्राप्त होने वाले अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) को समाप्त करने की मांग की है. उद्योग मंडल ने कहा है कि इस तरह का कर निवेश आधारित तेल एवं गैस खोज क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. उद्योग मंडल ने आम बजट के लिए सरकार को दी सिफारिशों में यह मांग की है.

जुलाई 2022 से शुरू किया गया विंडफॉल टैक्स

बताते चलें कि भारत में सरकार की ओर से पहली बार पिछले साल एक जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया था. इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के सामान्य से अधिक मुनाफे पर कर लगाते हैं. उस समय घरेलू कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल और विमान ईंधन एटीएफ के निर्यात पर भी नया कर लगाया गया है. प्रत्येक पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर इसकी समीक्षा की जाती है.

क्यों लगाया गया विंडफॉल टैक्स

भारत में उत्पादित कच्चे तेल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाने के पीछे सरकार की ओर से इसलिए लगाया गया, ताकि घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल और एटीएफ की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित किया जा सके. इसके साथ ही, उत्पादित कच्चे तेल, पेट्रोल-डीजल और एटीएफ के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स के जरिए अघोषित प्रतिबंध लगाकर घरेलू जरूरतों को पूरा किया जा सके. बता दें कि तेल विपणन कंपनियों की ओर से पिछले साल के अप्रैल महीने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई है. हालांकि, इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क में कटौती भी की गई है.

कच्चे तेल से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क हटाया जाए

इस बीच, उद्योग मंडल फिक्की ने बजट के लिए अपनी सिफारिशों में कहा है कि विंडफॉल टैक्स अन्य सभी मौजूदा शुल्कों के अतिरिक्त है. फिक्की ने कहा कि पेट्रोलियम कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को हटा दिया जाना चाहिए या यदि असाधारण उपाय के रूप में कुछ समय के लिए इसे जारी रखने की आवश्यकता है, तो इसकी दर को सीमित किया जाना चाहिए.

Also Read: Union Budget 2023 : वंदे भारत और बुलेट समेत नई हाई स्पीड ट्रेनों को चलाने का ऐलान कर सकती हैं निर्मला सीतारमण
क्या है फिक्की का तर्क

फिक्की ने कहा कि इसके अलावा, विंडफॉल टैक्स की गणना प्रति टन उत्पादन के आधार पर की जाती है. इसकी गणना प्राप्त मूल्य के प्रतिशत के हिसाब से नहीं होती. ऐसे में दाम घटने पर तेल उत्पादकों के लिए दिक्कतें आती हैं. उसने कहा कि यह टैक्स खोज एवं विकास के निवेश प्रस्तावों को प्रभावित कर रहा है. वेदांता लिमिटेड के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुनील दुग्गल ने कहा कि वर्तमान में, घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों पर लगभग 70 फीसदी टैक्स लगाया जाता है. वैश्विक मानकों का पालन करते हुए 35-40 फीसदी की कर संरचना इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश को बढ़ावा देगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें