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Union Budget 2023: अब देश में हेल्थ कार्ड देखकर होगी शादी, सरकार ने इस बीमारी को लेकर बनाई खास योजना

यूनियन बजट 2023 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर को लेकर भी कई तरह बड़ी घोषणाएं की. बता दें केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय की और से जल्द ही सभी लोगों का हेल्थ कार्ड बनाया जाने वला है. इस कार्ड में शख्स के बीमारियों से जुडी सभी जानकारी दी हुई रहेगी.

Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट 2023 पेश किया. यूनियन बजट के दौरान सभी सेक्टर्स को लेकर फैसले लिए गए और उन सभ सेक्टर्स पर कितने खर्च किये जाएंगे उसपर भी बात की गयी. यूनियन बजट 2023 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर को लेकर भी कई तरह के अहम फैसले लिए. हेल्थ सेक्टर को लेकर जितने भी फैसले लिए गए इनमें से सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान 2047 तक एनीमिया एलिमिनेशन के लक्ष्य ने खींचा है. चलिए जानते हैं सरकार की इस योजना के बारे में विस्तार से.

2047 तक खत्म किया जाएगा एनीमिया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बजट 2023 के दौरान एनीमिया के बारे में बात करते हुए कहा कि- हमारी जनजातीय आबादी में सिकल सेल एनीमिया एक बहुत ही आम बीमारी है. इस बजट में घोषणा की गई है कि सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन मोड में काम किया जाएगा और 2047 तक इसे खत्म कर दिया जाएगा. इस बजट में स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए एक अहम ऐलान किया गया है. स्वास्थ्य क्षेत्र में शोध करने वालों के लिए सरकारी लैब खुलेगी. आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त होना चाहिए.

कार्ड की मदद से शादी

हमारे देश में शादी से पहले कुंडली मिलाने की प्रथा काफी पुरानी है. कुंडली की मदद से लड़का और लड़की के सभी ग्रहों की दशाएं मिलाई जाती है और उसके बाद ही उनकी शादी की जाती है. कुंडली की मदद से इन दोनों के ही गुणों और दोषों को मिलाया जाता है. लेकिन आने वाले समय में सिर्फ जन्मकुंडली मिलाने मात्र से ही शादी हो जाएगी, ऐसा शायद संभव न हो. क्योंकि, सरकार एक नई पहल करने जा रही है. सरकार एक ऐसे कार्ड को लाने की तैयारी कर रही है जिसके जरिये ही आने वाले समय में शादी मुमकिन होगी.

मनसुख मांडविया ने बताया लक्ष्य

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि एनीमिया की बीमारी हमारे देश में ऐसी बीमारी है जिससे अगर पति या पत्नी संक्रमित हो तो इसका असर होने वाले बच्चे पर होगा. माता-पिता में से अगर कोई भी इस बीमारी से संक्रमित होगा तो बच्चा जरूर ही पॉजिटिव पाया जाएगा. इस बीमारी का नाम सिकल सेल एनीमिया है और यह बीमारी आम तौर पर आदिवासी आबादी में ज्यादा पाया जाता है. स्वास्थ्य मंत्री ने इस बीमारी को देश से साल 2047 तक पूरी तरह से खत्म करने की बात भी कही है.

क्या है एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें यह खून को प्रभावित करती है. अगर किसी को यह बीमारी होती है तो रेड ब्लड सेल्स का साइज अपने आप बदलने लगता है. इस बीमारी में रेड ब्लड सेल्स का आकर गोलाकार की जगह हंसिये की तरह हो जाता है. ऐसा होने की वजह से ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज हो जाती है. जानकारी के लिए बता दें यह एक जेनेटिक बीमारी है और इस बीमारी में शरीर खून बनाना भी बंद कर देता है. अगर किसी को यह बीमारी होती है तो उसके शरीर में खून की कमी होती है.

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