नई दिल्ली : एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के निचले सदन लोकसभा में बजट 2023 पेश करेंगी. इससे पहले लोगों की उम्मीदें और बजट पूर्व सर्वेक्षण के नतीजे भी आ रहे हैं. बुधवार को विपणन आंकड़ा एवं विश्लेषण कंपनी कांतार के सर्वेक्षण के नतीजे भी सामने आए हैं, जिसमें यह कहा गया है कि प्रत्येक चार में से एक (25 फीसदी) भारतीय को नौकरी जाने का डर सता रहा है, जबकि चार में तीन (75 फीसदी) बढ़ती महंगाई को लेकर खासे चिंतित हैं. इसके बावजूद करीब आधे लोगों का मानना है कि 2023 में देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी होगी.
‘भारत आम बजट सर्वे’ के दूसरे संस्करण में कांतार ने पाया कि उपभोक्ता आयकर के संबंध में नीतिगत परिवर्तनों की घोषणा की अपेक्षा कर रहे हैं, जिसमें मौजूदा 2.5 लाख रुपये की बुनियादी आयकर छूट की सीमा सबसे आम उम्मीद है. लोगों को उम्मीद है कि इस बार के बजट में आयकर छूट की सीमा में बढ़ोतरी की जाएगी. कांतार की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक आर्थिक स्तर पर ज्यादातर लोगों की सोच सकारात्मक है. सर्वे में शामिल 50 फीसदी लोगों का मानना है कि 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी, जबकि 31 फीसदी को लगता है कि इसकी रफ्तार कम हो जाएगी. वहीं, 54 फीसदी लोगों के साथ छोटे शहरों में धारणा महानगरों की तुलना में अधिक सकारात्मक है.
हालांकि, इस सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक मंदी और कोरोना महामारी का प्रकोप फिर शुरू होने की आशंका भारतीयों को सता रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, चार में से तीन लोगों को बढ़ती महंगाई की चिंता सता रही है और वे चाहते हैं कि इससे निपटने के लिए सरकार निर्णयात्मक कदम उठाए. सर्वे में कहा गया है कि चार में से एक भारतीयों को नौकरी जाने का डर सता रहा है. यह समृद्ध वर्ग में (32 फीसदी), 36-55 वर्ष के आयुवर्ग में (30 फीसदी) और वेतनभोगी वर्ग (30 फीसदी) में अपेक्षाकृत अधिक है.
बजट से उम्मीदों के संबंध में सर्वे में पाया गया कि उपभोक्ता आयकर को लेकर नीतिगत बदलावों की घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं. इसमें कहा गया है कि बुनियादी आयकर छूट सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने की सबसे ज्यादा उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा, उपभोक्ता चाहते हैं कि 30 फीसदी की उच्चतम कर दर (मौजूदा 10 लाख रुपये से) की सीमा बढ़ाई जाए. पहली मांग वेतनभोगी वर्ग में सबसे ज्यादा 42 फीसदी है, जबकि बाद वाली अपेक्षा व्यवसायियों और स्व-रोजगार वर्ग (37 फीसदी) और 36-55 वर्ष आयुवर्ग (42 फीसदी) में अधिक है.
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कांतार का सर्वेक्षण 12 भारतीय शहरों (मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, इंदौर, पटना, जयपुर और लखनऊ) में 21-55 वर्ष आयुवर्ग के लेागों के बीच 15 दिसंबर, 2022 से 15 जनवरी, 2023 के बीच किया गया. कांतार के कार्यकारी प्रबंध निदेशक (दक्षिण एशिया-इनसाइट प्रभाग) दीपेंद्र राणा ने कहा कि भारतीयों की सोच 2023 में देश के व्यापक आर्थिक प्रदर्शन को लेकर मोटे तौर पर सकारात्मक है. भारत की वृद्धि में उन्हें भरोसा है.