रीयल एस्टेट आैर रिटेल सेक्टर में आ सकती है नौकरियों की बाढ़

नयी दिल्लीः सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आर्इटी) क्षेत्र की कंपनियों की आेर से कर्मचारियों की छंटनी के बीच इस साल देश के रीयल एस्टेट, रिटेल आैर लाॅजिस्टिक क्षेत्र में नौकरियों की बाढ़ आ सकती है.एसोचैम की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है कि देश में निकट भविष्य में निर्माण और जमीन जायदाद के विकास, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2017 9:18 AM

नयी दिल्लीः सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आर्इटी) क्षेत्र की कंपनियों की आेर से कर्मचारियों की छंटनी के बीच इस साल देश के रीयल एस्टेट, रिटेल आैर लाॅजिस्टिक क्षेत्र में नौकरियों की बाढ़ आ सकती है.एसोचैम की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है कि देश में निकट भविष्य में निर्माण और जमीन जायदाद के विकास, संगठित खुदरा, सौंदर्य एवं स्वास्थ्य, परिवहन और लाॅजिस्टिक क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार सृजित करने की क्षमता है.

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‘एसोचैम-थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट पेपर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सूचना प्रौद्योगिकी तथा आईटी युक्त सेवा क्षेत्र अगले पांच साल में 10 लाख रोजगार सृजित हो सकते हैंं. रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल, दबाव झेल रहे आईटी और आईटी संबद्ध क्षेत्र में रोजगार सृजन में वृद्धि की रफ्तार कम होने की संभावना पहले से ही थी. वर्ष 2013 में इस क्षेत्र में रोजगार आधार 33 लाख था और 2022 तक इसमें 22 लाख और लोगों की जरूरत होगी. इसमें से करीब 10 लाख पिछले तीन-चार साल में जोड़े जा चुके हैं.

एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी तथा आईटी संबद्ध क्षेत्र प्रौद्योगिकी उन्नयन, आॅटोमेशन, अमेरिका में वीजा प्रतिबंध तथा बढ़ता कौशल अंतर जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है. एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि इस प्रकार, देश को साल में कम-से-कम 1.5 से 2 करोड़ रोजगार की जरूरत है. हमें इसे व्यापक रूप से और ऐसे क्षेत्रों में देखने की जरूरत है, जिसका विस्तार न केवल निर्यात बाजार में बल्कि देश के अंदर भी हुआ है.

रोजगार के बारे में जानकारी देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2013 में निर्माण और रीयल एस्टेट (बुनियादी ढांचा समेत) क्षेत्र में 4.54 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ था, इस क्षेत्र में अगले पांच साल में 3.11 करोड़ अतिरिक्त लोगों की जरूरत होगी. इसी प्रकार संगठित खुदरा क्षेत्र अगले पांच साल में कम-से-कम 1.0 से 1.2 करोड़ नये रोजगार सृजित हो सकते हैं. इसके अलावा, परिधान और कपड़ा क्षेत्र में भी रोजगार सृजन की संभावना है.

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