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जीएसटी पाठशाला में समझें टैक्स का गणितः सरकार का विज्ञापन अभियान शुरू, जानिये, कौन वस्तु महंगी आैर कौन सस्ती…?

नयी दिल्लीः सरकार ने एक जुलार्इ से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने से पहले इसके प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन अभियान शुरू कर दिया है. सरकार ने आम लोगों को जीएसटी के लाभ के बारे में जानकारी देने के लिए मीडिया में जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया है. मीडिया में दिये गये […]

नयी दिल्लीः सरकार ने एक जुलार्इ से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने से पहले इसके प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन अभियान शुरू कर दिया है. सरकार ने आम लोगों को जीएसटी के लाभ के बारे में जानकारी देने के लिए मीडिया में जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया है. मीडिया में दिये गये सरकारी विज्ञापन में कहा गया है कि जीएसटी से अधिकतर वस्तुएं सस्ती होंगी.केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीर्इसी) ने प्रमुख समाचार पत्रों में अपने विज्ञापन में उन वस्तुओं की तस्वीर दी है, जिन्हें जीएसटी से छूट दी गयी है और जिस पर न्यूनतम 5 फीसदी की दर से कर लगेगा.

इस खबर को भी पढ़ेंः GST की पाठशाला में ऐसे समझें टैक्स का गणित : वैट, सेल्स टैक्स और स्टेट टैक्स के नाम पर वसूली करना नहीं होगा आसान

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने ज्यादातर वस्तुआें पर कर की दरों के बारे में फैसला कर लिया है. सोना को छोड़कर उन वस्तुओं को 5, 12, 18 और 28 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है. सोने पर 3 फीसदी जीएसटी लगेगा. परिषद में जेटली के अलावा राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं. जीएसटी 16 अलग-अलग करों का स्थान लेगा और एक जुलाई से लागू होगा.

विज्ञापन में नमक, दूध, गुड़ आैर अंडा सस्ता

सीबीईसी ने अपने विज्ञापन में कहा कि नमक, दूध, गुड़, अंडा, दही, खुला अनाज और पनीर, ताजी सब्जी, खुला आटा, मैदा, बेसन, शहद के अलावा शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गयी है. इसमें कहा गया है कि एकल कर व्यवस्था जीएसटी से अधिक खपत वाली ज्यादातर वस्तुओं की कीमतें कम होंगी. चाय, चीनी, काॅफी बीन, खाद्य तेल, डिब्बाबंद पनीर, दूध पाउडर, झाड़ू, घरेलू एलपीजी तथा केरोसीन को 5 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है.

81 फीसदी वस्तुएं 18 फीसदी या उससे नीचे वाली कर की श्रेणी में शामिल

सीबीईसी ने कहा कि कुल 81 फीसदी वस्तुएं 18 फीसदी या उससे नीचे की कर श्रेणी में आयेंगी. केवल 19 फीसदी वस्तुएं पर ही 18 फीसदी से अधिक जीएसटी लगेगा. जिन वस्तुओं को 12 फीसदी कर के दायरे में रखा गया है, उसमें मक्खन, घी, मोबाइल, काजू, अगरबत्ती, छाता, फल जूस आदि शामिल हैं. बाल-तेल, साबुन, जैम, सूप, आइसक्रीम, पूंजीगत सामान तथा कंप्यूटर पर 18 फीसदी कर लगेगा. वहीं, कस्टर्ड पाउडर, शैंपू, इत्र, सजने-संवरने के सामान, च्युइंगम, मोटरसाइकिल, सीमेंट तथा टिकाऊ उपभोक्ता सामान को 28 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है.

उपभोक्ताआें को मिलेगा जीएसटी में टैक्स कटौती का लाभ

सरकार पहले ही कह चुकी है कि जीएसटी के बाद कर की दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को कीमत कटौती के जरिये देना होगा. जीएसटी परिषद ने जीएसटी के बाद उद्योग के मुनाफे के बारे में शिकायत पर कार्रवाई के लिए एक समिति गठित की है. समिति में केंद्र तथा राज्य सरकार के कर अधिकारी शामिल हैं.

जीएसटी के तहत खादी धागा, गांधी टोपी, राष्ट्रीय झंडा पर नहीं लगेगा टैक्स

जीएसटी व्यवस्था में खादी धागा, गांधी टोपी, राष्ट्रीय झंडा पर कोई कर नहीं लगेगा. वहीं, नकली आभूषण, मोती और सिक्के पर 3 फीसदी शुल्क लगेगा. इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने पूजा के सामान के तहत बेचे जाने वाले रुद्राक्ष, खड़ाऊं, पंचामृत, तुलसी माला, पवित्र धागा और विभूति जैसे जिंसों को पूजी सामग्री के अंतर्गत रखने का फैसला किया. परिषद ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत इस पर छूट होगी. साथ ही, चंदन टिका, बिना ब्रांड वाला शहद तथा दिया बत्ती को एक जुलाई से लागू होने वाली नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में छूट दी गयी है. हालांकि, पांच पूजी सामग्री लोबहान, मिस्री, बताशा और भुरा पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा.

कपड़ा, पर्दा आैर बिछावन पर लगेगा पांच फीसदी टैक्स

कपड़ा के मामले में 1,000 रुपये से कम के कंबल, पर्दा, बिछावन, शौचालय और रसोई गैस में इस्तेमाल होने वाले लिनेन, तौलिये पर 5 फीसदी कर लगेगा. साथ ही, 1,000 रुपये से कम लागत वाले नैपकिन, मच्छरदानी, बोरी, थैला, लाइफ जैकेट पर 5 फीसदी कर लगेगा. वहीं, 1,000 रुपये से अधिक लागत वाली उक्त वस्तुओं पर 12 फीसदी कर लगेगा. रेशम और जूट धागा को छूट श्रेणी में रखा गया है, लेकिन कपास और प्राकृतिक फाइबर तथा अन्य सभी धागा पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा. मानव निर्मित रेशम पर 18 फीसदी की दर से कर लगेगा. खादी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी के कपड़ों पर 5 फीसदी कर लगेगा. इसके अलावा, गांधी टोपी तथा भारत के झंडे पर जीएसटी के तहत कर नहीं लगेगा. एक हजार रुपये तक की लागत वाले मानव निर्मित परिधान पर 5 फीसदी कर लगेगा जो मौजूदा 7 फीसदी से कम है. जिनकी लागत 1,000 रुपये से अधिक है, उन पर 12 फीसदी कर लगेगा. इसके अलावा, माचिस, डिब्बाबंद जैविक उर्वरक पर नई व्यवस्था में 5 फीसदी कर लगेगा.

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